मौसम क्रिकेट ऑपरेशन सिंदूर क्रिकेट स्पोर्ट्स बॉलीवुड जॉब - एजुकेशन बिजनेस लाइफस्टाइल देश विदेश राशिफल लाइफ - साइंस आध्यात्मिक अन्य

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

छत्तीसगढ़ राज्य रजत महोत्सव 2025 में संगोष्ठी व परिचर्चा का आयोजन

On: September 18, 2025
Follow Us:
छत्तीसगढ़ राज्य रजत जयंती 2025

महासमुंद. स्थानीय शांत्रिबाई कला, वाणिज्य विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में छत्तीसगढ़ राज्य के रजत महोत्सव 2025 में संगोष्ठी/परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि चंद्रनाहू शिक्षण समिति के अध्यक्ष राहुल चंद्राकर एवं अध्यक्षता कालेज की प्राचार्य डॉ सविता चंद्राकर ने की। विशेष अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष ऐतराम साहू, संदीप दीवान अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, भागवत जगत भूमिल साहित्यकार, उत्तरा विदानी वरिष्ठ पत्रकार उपस्थिति रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और राज्यगीत “अरपा पैरी के धार” से हुई। मुख्य अतिथि चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विकास रफ्तार से जारी है। पहले हमारे राज्य की छवि उदास थी। विकास की गति बेहद धीमी थी। लेकिन केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने हमने बनाया है हम ही संवारेंगे की तर्ज पर संजीदगी से राज्य में विकास की गति को बढ़ाया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी वाजपेयी का आभार मानते हुए कहा कि राज्य बनने के बाद की स्थिति काफी दयनीय थी और आज का दिन है कि हम एक लाख 57 हजार करोड़ का बजट राज्य के लिए रखा है। यह बजट पहले की बजट से बीस गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि देश को विकसित करना है तो हमें गांव के एक घर से शुरू होकर राज्य के हर चप्पे का विकास करना होगा। राज्य का स्वर्णिम समय शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ अब देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने लगा है। प्रदेश के तमाम युवाओं, स्कूल कालेज के बच्चों और हर एक नागरिकों को राज्य के विकास में भागीदारी चाहिए।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कालेज के प्राचार्य डॉ सविता चंद्राकर ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करने के बाद कहा कि देश को, राज्य को और समाज को युवा शक्ति का साथ जरूरी होता है। युवाओं के पास इतनी शक्ति है कि वे युग परिवर्तन कर सकते हैं। इस वक्त छत्तीसगढ़ राज्य भी 25 साल का युवा है और स्वर्णिम युग में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में याद रहे कि छत्तीसगढ़ निर्माण के दौर में बहुमूल्य योगदान देने वालों को कदापि नहीं भूला जाय। कई कई तरह की कोशिशों के बाद इस राज्य का जन्म हुआ है। प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित भाजपा जिलाध्यक्ष येत राम साहू ने कहा कि बटवारा दुःखद ही हुआ करता है। लेकिन, मध्यप्रदेश का बटवारा दुःखद हरगिज़ नहीं था। छत्तीसगढ़ के अलग अलग बोली और अलग अलग भाषा पर पहले किसी ने ध्यान नहीं दिया। राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति सामने आई और अपने मनभावन पहचान के साथ इसने देश दुनिया में अपना परचम फहराया। राज्य बनने के बाद यहां स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय दुगुने, तीन गुने रफ्तार से बढ़ा है। राज्य बनने से पहले स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति काफी डांवाडोल थी। आज के युवाओं को यह सब समझना होगा कि राज्य के निर्माण में कैसे कैसे हालातों से निपटना पडा। लोग अच्छे जीवन के लिए, अच्छी पढाई, अच्छे इलाज के लिए तरसते थे। हमारी बातें भोपाल में तय होती थीं। अब हम अपने लिए सारे निर्णय छत्तीसगढ़ में लेते हैं। हमें उन अभावों का अहसास करना पड़ेगा जो हमने सहा है। राज्य को आगे बढाने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।

वक्ता के रूप में उपस्थित संदीप दीवान ने कहा कि हम सब छत्तीसगढ़ के विकास के साक्षी हैं। डिजिटल भारत विकसित भारत की तरह आज छत्तीसगढ़ भी विकसित राज्यों में शुमार है। छत्तीसगढ़ न किसी से थोड़ा कम है, न किसी से श्रेष्ठ है। हमारा राज्य अब स्वयं में परिपूर्ण है। भावी छत्तीसगढ़ शक्ति से ओतप्रोत युवाओं की मेहनत पर निर्भर है। अतः इसके निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटलबिहारी की तरह हम सब को अपने राज्य के लिए निःस्वार्थ रहकर काम करना होगा। साहित्यकार एवं शिक्षक भागवत जगत भूमिल ने कहा कि राज्य का 25वां वर्षगांठ काफी सुखद क्षण है। राज्य निर्माण में सबसे अधिक योगदान साहित्यकारों का रहा है। साहित्यकारों ने ही अपनी रचनाओं में इस क्षेत्र का नाम छत्तीसगढ़ लिखा। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका है। यह ऐसी पवित्र भूमि है जिसके बगैर दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती। भगवान रामचंद्र ने वनवास के दौरान भी इसी रत्नगर्भा से होकर प्रवास का रास्ता चुना। भूमिल ने सभागार में उपस्थित बीएड छात्रों को छत्तीसगढ़ी भाखा बोली के बारे में जानकारी दी। वहीं पत्रकार उत्तरा विदानी ने कहा कि राज्य बनने से पहले का दौर कुछ और था और अब राज्य बनने के 25 साल बाद का दौर कुछ और है। इस सुखद दौर से गुजरते हुए छत्तीसगढ़ स्वर्णिम दौर में प्रवेश कर रहा है। बहुत कम संसाधनों में भी अपनी संस्कृति और सभ्यता को संजोकर रखने वाले छत्तीसगढ़िया अब विकास के नये सोपानों को देख रहे हैं। अब जरूरत इस बात की है छत्तीसगढ़ की परंपरा संस्कृति को आबाद रखते हुए आधुनिक भारत के साथ कदमताल मंशा हो। छत्तीसगढ़ की गरिमा बरकरार रखने के लिए अनवरत कोशिशों की जरूरत है। कार्यक्रम में चंद्रनाहू शिक्षण समिति की सदस्य तारिणी चंद्राकर, भाजपा नेता आनंद साहू, पंकज चंद्राकर, कालेज स्टाफ व बीएड के छात्राध्यापक, बीए,बीएससी के विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक गोविंद वास तथा आभार व्यक्त बीएड विभागध्यक्ष मेनका चंद्राकर ने किया।

Admin

हम पाठकों को देश में हो रही घटनाओं से अवगत कराते हैं। इस वेब पोर्टल में आपको दैनिक समाचार, ऑटो जगत के समाचार, मनोरंजन संबंधी खबर, राशिफल, धर्म-कर्म से जुड़ी पुख्ता सूचना उपलब्ध कराई जाती है। babapost.in खबरों में स्वच्छता के नियमों का पालन करता है। इस वेब पोर्टल पर भ्रामक, अपुष्ट, सनसनी फैलाने वाली खबरों के प्रकाशन नहीं किया जाता है।