महासमुंद वन विद्यालय में दीक्षांत समारोह संपन्न, 79वें प्रशिक्षण सत्र के वनरक्षक हुए सम्मानित

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महासमुंद. वनरक्षक प्रशिक्षण शाला, महासमुंद में वन विभाग के 79वें (छः माह) प्रशिक्षण सत्र के सफल समापन पर भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रायपुर वृत्त के वन संरक्षक मणिवासगन एस. (भा.व.से.) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में प्रशिक्षुओं, अधिकारियों और कर्मचारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

परेड, पौधरोपण और पूजा के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ

दीक्षांत समारोह की शुरुआत प्रशिक्षु वनरक्षकों द्वारा मुख्य अतिथि को परेड के माध्यम से सलामी देकर की गई। इसके पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा रक्त चंदन के पौधे का रोपण किया गया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ हुआ, जिससे पूरे समारोह में अनुशासन और सांस्कृतिक गरिमा का वातावरण बना।

अतिथियों का स्वागत और प्रशिक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत

इस अवसर पर संचालक वन विद्यालय महासमुंद एवं वनमंडलाधिकारी मयंक पांडे, अनुदेशक गोविंद सिंह, प्रबंध संचालक जिला यूनियन महासमुंद ए.आर. बंजारे तथा उप वनमंडलाधिकारी डिंपी बैस पिथौरा द्वारा अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। इसके बाद संचालक द्वारा 79वें प्रशिक्षण सत्र का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रशिक्षण की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी गई।

परीक्षा परिणाम, प्रमाण पत्र और सम्मान वितरण

अनुदेशक वन विद्यालय महासमुंद द्वारा प्रशिक्षण सत्र के परीक्षा परिणामों की घोषणा की गई। मुख्य अतिथि ने सफल प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए। साथ ही खेलकूद और विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को मेडल, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रशिक्षण सत्र में सर्वाधिक अंक अर्जित कर श्रीमती कीर्ति द्विवेदी ऑल ओवर टॉपर रहीं।

प्रशिक्षुओं के अनुभव और मुख्य अतिथि का प्रेरक संदेश

कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं ने मंच से अपने प्रशिक्षण अनुभव साझा किए, जिससे उनके समर्पण और सीखने की भावना झलकी। मुख्य अतिथि मणिवासगन एस. ने अपने संबोधन में कहा कि वनरक्षक वन विभाग की रीढ़ होते हैं और वन संरक्षण व संवर्धन में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने नव प्रशिक्षित वनरक्षकों से कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और ईमानदारी के साथ सेवा करने का आह्वान किया।

राष्ट्रगान के साथ हुआ समारोह का समापन

दीक्षांत समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। यह आयोजन न केवल प्रशिक्षुओं के लिए गर्व का क्षण रहा, बल्कि वन संरक्षण के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को और मजबूत करने वाला भी सिद्ध हुआ।

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