Aditya-L1 Mission: चंद्रमा के बाद अब भारत की नजर सूर्य पर है। ISRO ने बताया कि सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन ऑब्जर्वेटरी से संबंधित भारत के सूर्य मिशन आदित्य-एल वन (Aditya-L1) को 2 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने यह जानकारी 28 अगस्त को दी।
इसरो ने बताया कि सूर्य के अध्ययन जुड़े इस मिशन को श्रीहरिकोटा से भारतीय समयानुसार सुबह 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने इस मिशन के लॉन्च को देखने के लिए आम नागरिकों को भी आमंत्रित किया है।
श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्च व्यू गैलरी से इसकी लॉन्चिंग देखी जा सकेगी। इसके लिए लोगों को वेबसाइट के जरिये रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर वेबसाइट का लिंक उपलब्ध कराया है।
🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
— ISRO (@isro) August 28, 2023
Aditya-L1 Mission का उद्देश्य क्या है?
Aditya-L1 Mission मिशन के जरिए सूर्य की बाहरी परतों (कोरोना) का ऑब्जर्वेशन और सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु (L1) पर सौर वायु के यथास्थिति ऑब्जर्वेशन के लिए तैयार किया गया है। एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। यह सूर्य के ऑब्जर्वेशन के लिए पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा। Aditya-L1 Mission का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है।
Aditya-L1 सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फीयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फीयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन (ऑब्जर्वेशन) करने में मदद करेंगे।
इसरो के मुताबिक, अतंरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु की L1 हेलो कक्षा के पास स्थापित करने की योजना है। L1 बिंदु के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित उपग्रह से सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखने का बड़ा फायदा मिल सकता है। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके Effect का पता लगाया जा सकेगा।