Wednesday, July 16, 2025
HomeChhattisgarhबारनवापारा अभ्यारण्य में बटरफ्लाई मीट 21 अक्टूबर से, भाग लेने के लिए...

बारनवापारा अभ्यारण्य में बटरफ्लाई मीट 21 अक्टूबर से, भाग लेने के लिए ऐसे करें पंजीयन

रायपुर. वन विभाग एवं बारनवापारा अभ्यारण्य के द्वारा 21 से 23 अक्टूबर 2024 को अभ्यारण्य में बटरफ्लाई मीट (Butterfly Meet) का आयोजन किया जाएगा। जिसके माध्यम को प्रकृति प्रेमियों को तितलियों को करीब से जानने और पहचानने का मौका मिलेगा। साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा तितलियों के पर्यावास एवं उनके महत्त्व के संबध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिभागियों के साथ साझा की जाएंगी। उक्त आयोजन की यह तीसरी कड़ी है। इसके पहले 2022 एवं 2023 में यह आयोजन किया गया था।

ऐसे करना होगा पंजीयन

छत्तीसगढ़ के वन विभाग द्वारा बटरफ्लाई मीट की तैयारी पूरी कर ली गई है। आयोजन में भाग लेने एवं जानकारी प्राप्त करने के लिए क्यू आर कोड (QR Code) भी जनरेट किया गया है जिसके माध्यम से आसानी से पंजीयन कराया जा सकता है। मीट में प्रतिभागी स्टूडेंट के 15 सौ रूपये एवं अन्य व्यक्तियों के लिए 2 हजार रूपये पंजीयन शुल्क रखा गया है। इसमें भाग लेने के लिए 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है।

बारनवापारा में 150 प्रजाति की तितलियां

बता दें कि बारनवापारा अभ्यारण्य में 150 प्रजाति के तितली एवं मोथ पायी जाती हैं। जिसमे से वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की शेड्यूल वन की क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर) डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस) शेड्यूल दो की सिपोरा निरिसा,होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा,लैंपिडर्स  बोइहन, तजुना शिप्स आदि  पाई जाती है। शेड्यूल 6 के भी बहुत से प्रजातियां पाई जाती हैं।

हाथी, बाघ का बसेरा

विगत तीन वर्षों से बारनवापारा अभ्यारण्य में 14-16 हाथियों का दल निवास कर रहा है। साथ ही साथ विगत 8 माह से एक बाघ लगातार अभ्यारण्य में विचरण कर रहा है। बारनवापारा नाम बार और नवापारा गाँव से मिलकर बना है। बारनवापारा अभ्यारण्य स्थापना के बाद से ही पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है।

बारनवापारा अभ्यारण्य की भौगोलिक स्थिति

बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य के भौगोलिक स्थिति की बात करें तो यह छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में स्थित है। अभ्यारण्य का कुल क्षेत्रफल 244.66 वर्ग किमी है। अभ्यारण्य की स्थलाकृति समतल और लहरदार इलाका है। ऊँचाई 640 मीटर समुद्र तल तक है। बालमदेही,जोंक और महानदी नदियाँ अभयारण्य की जीवन रेखा हैं जो अभयारण्य की जल कमी को पूरा करने के लिए अभयारण्य के साथ बहती हैं। वार्षिक वर्षा 1200 मिमी है इस अभ्यारण्य में सागौन, साल और मिश्रित वन की मुख्य वनस्पति है। पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए इसमें शिकार और शिकारियों का अच्छा घनत्व है। अभ्यारण्य के अंदर स्थित बलार जलाशय में कई आर्द्रभूमि पक्षी और मछलियाँ पाई जाती हैं। यह अभ्यारण्य जागरूकता पैदा करने के लिए इकोटूरिज्म को बढ़ावा देता है।

बारनवापारा तक पहुँचने के लिए रायपुर से सड़क मार्ग से दो घंटे का सफर करना पड़ता है। यह रायपुर से NH53 पर 78वें किमी पर 106 किमी दूर है। पटेवा एक छोटा शहर है जहाँ बारनवापारा से 28 किमी की दूरी पर मौसम अनुकूल सड़क पर गाड़ी चलाकर पहुँचा जा सकता है।

Admin
Adminhttps://www.babapost.in
हम पाठकों को देश में हो रही घटनाओं से अवगत कराते हैं। इस वेब पोर्टल में आपको दैनिक समाचार, ऑटो जगत के समाचार, मनोरंजन संबंधी खबर, राशिफल, धर्म-कर्म से जुड़ी पुख्ता सूचना उपलब्ध कराई जाती है। babapost.in खबरों में स्वच्छता के नियमों का पालन करता है। इस वेब पोर्टल पर भ्रामक, अपुष्ट, सनसनी फैलाने वाली खबरों के प्रकाशन नहीं किया जाता है।
RELATED ARTICLES

Most Popular