चाणक्य नीति Chanakya Niti: आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य ने आने वाली पीढ़ी को सही राह दिखाने के लिए काफी कुछ किया है। चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां मनुष्य को जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती हैं। आज लोगों को चाणक्य की नीतियां प्रभावित करती हैं। लोग उनकी बातों को अमल में लाने का प्रयास करते हैं। चाणक्य एक महान राजनीतिज्ञ होने के साथ ही बेहद विचारवान, जीवन के गूढ़ रहस्यों को प्रकाशित करने वाले थे।
मीठा बोलने वाले
चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्यम से मित्र और शत्रुओं के लक्षण के बारे में बताया है। उनका कहना है कि साथ में रहने वाल व्यक्ति के बारे में हर जानकारी होनी चाहिए। जिससे विपरीत समय में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। चाणक्य ने अपनी एक नीति में ऐसे लोगों के बारे में जानकारी दी है, जिनसे दूर रहने में ही भलाई है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें उन लोगों से दूर रहना चाहिए जो बेहद मीठी बातें करते हैं। लेकिन आपके सामने न होने पर आपके खिलाफ षडयंत्र करते हैं। आपको हर जगह नीचा दिखाने और क्षति पहुंचाने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोग उस विष के घड़े के समान माने गए हैं जिसके ऊपर दूध दिखाई देती है, लेकिन अंदर जहर होता है। इन लोगों को जल्द ही पहचान लेना चाहिए और इनसे मेलमिलाप सीमित कर देना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग मौका देखकर क्षति पहुंचाने का प्रयास करते हैं।
व्यक्ति को कभी भी ज्यादा मीठा बोलने वाले और पीठ पीछे बुराई करने वालों से संबंध नहीं रखना चाहिए। ये कब कहां आपको फंसा दें कोई भरोसा नहीं है। साथ ही ऐसे लोगों से कभी अपनी गोपनीय योजना की चर्चा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अवसर मिलते ही ये लोग आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए।
पत्नी को यह बात न बताएं
आचार्य चाणक्य अपने नीति के माध्यम से कहते हैं कि अगर किसी ने आपका अपमान कर दिया है, तो इसकी जानकारी अपनी पत्नी को न दें। ऐसा होने पर पत्नी आपको कभी भी ताना मार सकती है। उलाहना का शिकार हो सकते हैं। अपमान की चर्चा भी अपनी पत्नी के साथ न करें।
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि गुप्त दान का बेहद अधिक महत्व होता है। अतः दिए गए दान की चर्चा किसी से नहीं करनी चाहिए। इस बात को अपनी पत्नी को भी नहीं बताना चाहिए। दान के बारे में बताने पर इसका महत्व कम होता है साथ ही दान पर हुए खर्च की बात कहकर पत्नी आपको खरी खोटी भी सुना सकती है। बेहतर यही होगा कि दान के बारे में अपनी पत्नी से बिल्कुल भी चर्चा न करें।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपनी आमदनी के बारे में पत्नी से नहीं कहना चाहिए। यदि पत्नी को आपकी कमाई के बारे में पूरी जानकारी हो गई तो वह इसे अपना बताते हुए आपके खर्च पर लगाम लगाने की कोशिश करेगी।
इनका अपमान न करें
चाणक्य कहते हैं कि वे लोग जो हमारा भला सोचते हैं उनसे कभी भी विवाद नहीं करना चाहिए। ऐसा होने पर जिंदगीभर के लिए पछताना पड़ सकता है। कभी भी अपने शुभचिंतक का अपमान नहीं करना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं कि अपने गुरु का अपमान कभी भी नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि गुरु का अपमान ईश्वर भी नहीं सह सकते हैं। गुरु से हमें शिक्षा मिलती है। गुरु हमारे मार्गदर्शक होते हैं। उन्हें भूलकर भी कड़वी बातें नहीं कहनी चाहिए।
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