महासमुंद. डिजिटल अरेस्ट कर ठगी किए जाने का दूसरा सामने आया है। इस बार रिटायर्ड इंजीनियर और ग्राम बीकेबाहरा निवासी एक बुजुर्ग महिला को गिरफ्तारी का भय दिखाकर करीब 34 लाख रुपए की ठगी अज्ञात आरोपियों ने कर ली।
बता दें कि इससे पहले बसना थाना अंतर्गत ग्राम जगदीशपुर निवासी एक महिला के साथ साढ़े पांच लाख रुपए की ठगी किए जाने का मामला सामने आ चुका है। रिपोर्ट पर सिटी कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। गौरतलब है कि आरोपी महिलाओं को टारगेट कर ठगी की घटना को आसानी से अंजाम दे रहे हैं।
महासमुंद कोतवाली पुलिस दिए गए अपने आवेदन में ग्राम बीकेबाहरा की हेमलता साहू पति विक्रम लाल साहू (64 वर्ष) ने बताया कि उनके पति विक्रम लाल साहू जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त उप अभियंता है और वह समाज सेवा करती है।
प्रार्थिया ने पुलिस को बताया कि 8 जुलाई को करीब 11 बजे फोन आया था और फोन करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच कोलाबा थाना मुंबई का साइबर क्राइम ऑफिसर बताया और उसके वाट्सएप नंबर से एक भारतीय रिजर्व बैंक का मनी लांड्रिंग से संबंधित नोटिस भेजा और कहा सस्पेक्ट एटीएम कार्ड पकड़े गये है जिसमें एक एटीएम कार्ड उसके नाम का भी है।
फोन करने वाले ने मुझे कहा कि मेरे कैनरा बैंक के खाते में नौ सौ करोड़ जमा हो गया है। इसके बाद एक अन्य नंबर से वीडियो कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाला पुलिस यूनिफार्म में था। उस व्यक्ति ने भी मुझे गिरफ्तार करने की धमकी दिया और कहा कि अगर सही-सही जानकारी मिलेगी तो वे मेरा सहयोग करेंगे। तब महिला ने कहा कि मेरा कैनरा बैंक में खाता नहीं है और बताया कि पंजाब नेशनल बैंक शाखा बृहस्पति बाजार बिलासपुर में खाता है। जिस पर फोन करने वाले ने मुझसे मेरे खाते में बैलेस पूछा, तब मैंने बताया कि मेरे खाते में 50-60,000 रुपए हैं।
साथ ही फोन करने वाले व्यक्ति ने धमकी दिया कि यदि मैं इस संबंध में किसी को बताऊंगी तो उसके पुत्र और पति को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। इसके बाद उसने मुंबई कोलाबा पुलिस स्टेशन में आने के लिए कहा तब मैंने उस व्यक्ति से कहा कि मुंबई नहीं जा सकती। तब उसने मेरे बैंक खाता के संबंध में जानकारी पूछा और मुझे तत्काल बिलासपुर जाने हेतु बोला फिर मैंने बोला कि मुझे काम है, मैं बिलासपुर 09 तारीख को जाऊंगी। इस पर फोन करने वाले ने एफडी के बारे में पूछा तब मैंने उस व्यक्ति को 8 लाख का एफडी होना बताया।
इसके बाद उसने एफडी तुड़वाकर आरटीजीएस के माध्यम से दिए गए खातानंबर में रकम ट्रांसफर करने कहा। जिस पर उसने 11 जुलाई को एफडी को तोड़कर 9,49,734 रुपए ट्रांसफर कराया। उसके बाद उन लोगों ने मुझे डराकर पैसे के संबंध में पूछताछ किया तब वह डरकर अपने म्यूच्युअल फंड जो कि बिरला सन लाईफ एवं एस बी आई म्यूच्युअल फंड के संबंध में जानकारी दिया।
तब उसने मुझे अरेस्ट करने की धमकी देते हुए उक्त दोनों म्युच्युअल फण्ड में निवेश किये गये पैसों को दिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा, जिस पर उसने 17 जुलाई को अपना म्युच्युअल फंड आदित्य बिरला सन लाईफ से 19,44,869 रुपये एवं एसबीआई म्यूच्युअल फंड 5,28,605 रुपए ट्रांसफर कर दिया।
इसके बाद उस व्यक्ति ने कहा कि मेरे द्वारा ट्रांसफर किए गए कुल 33,99,734 रुपए आरबीआई के माध्यम से वापस आ जायेगा और गिरफ्तारी भी नहीं होगी। उसके बाद वाट्सएप पर एक पत्र भेजा जिस पर लिखा हुआ था कि मुझे बरी कर दिया गया है। लेकिन जब रकम खाते में वापस नहीं आई तब उसे पता चला कि वह धोखाधड़ी का शिकार हुई है। मामले में धारा 318(4) 319(2) बीएनएस, 66 डी आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई महिला, साढ़े पांच लाख की ठगी