Gopashtami 2022: कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। आज 1 नवंबर 2022 को गोपाष्टमी (Gopashtami 2022) है। इस त्यौहार को उत्तर प्रदेश के मथुरा, वृंदावन और ब्रज क्षेत्रों में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गोपाष्टमी के दिन गोवंश की पूजा की जाती है।
इसे लेकर कथा प्रचलित है कि जब भगवान कृष्ण की आयु 6 साल की हुई तो उन्होंने अपनी माता यशोदा से कहा, ‘मैया मैं बड़ा हो गया हूं। अब मैं बछड़े नहीं, गायों को चराने ले जाऊंगा। इसकी अनुमति के लिए मैया यशोदा ने बाल कृष्ण को पिता नंद के पास भेज दिया।
इसके बाद नंद बाबा गाय चराने के मुहूर्त के लिए ऋषि शांडिल्य से परामर्श लेने पहुंचे। ऋषि शांडिल्य ने कहा कि आज ही शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद माता यशोदा ने भगवान को अच्छी तरह तैयार किया।इसके बाद कृष्ण गाय को चराने ले गए।
गोपाष्टमी के दिन ये करें (Gopashtami 2022)
- गायों को गुड़, हरा चारा, फल आदि खिलाएं।
- सुबह गायों को स्वच्छ जल से स्नान काएं।
- तत्पश्चात रोली और चंदन का तिलक लगाएं।
- पुष्प,अक्षत आदि से उनकी पूजा करें।
- गाय चराने वालों का सम्मान करें।
- पूजा के लिए बना प्रसाद गाय को खिलाएं। गायों को प्रणाम करें।
- गायों के लौटने के बाद संध्या के समय फिर पूजन करें।
- गायों की पूजा कर कर भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
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