Wednesday, March 22, 2023
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मीन लग्न के 12 भावों में मंगल का फलादेश, जानें जातक पर होने वाला प्रभाव

मीन लग्न के 12 भावों में मंगल का फलादेश: मीन लग्न के 12 भावों में मंगल की स्थिति पर हम यहां चर्चा करेंगे। जैसा कि सभी जानते हैं कि ज्योतिषशास्त्र में मंगल को सेनापति का दर्जा प्राप्त है। मंगल के प्रभाव से व्यक्ति साहसी होता है। पराक्रम से अपने जीवन मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर कर लेता हैं।

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मीन लग्न के 12 भावों में मंगल का फलादेश: मीन लग्न के 12 भावों में मंगल की स्थिति पर हम यहां चर्चा करेंगे। जैसा कि सभी जानते हैं कि ज्योतिषशास्त्र में मंगल को सेनापति का दर्जा प्राप्त है। मंगल के प्रभाव से व्यक्ति साहसी होता है। पराक्रम से अपने जीवन मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर कर लेता हैं। लेकिन मंगल लग्न कुंडली के अलग-अलग भावों में मंगल स्थिति के अनुसार अपना प्रभाव दिखाता है, हम यहां मीन राशि के 12 भावों में मंगल की स्थिति का विवेचन करेंगे।

मीन लग्न – प्रथम भाव में मंगल

प्रथम भाव में स्थित मंगल के प्रभाव से जातक की शारीरिक शक्ति में बढ़ोतरी होती है। धन, परिवार और किस्मत का साथ मिलता है। जातक को भौतिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। सातवी मित्र दृष्टि से सप्तम भाव की ओर देखने से कारोबार, पारिवारिक सुख, उत्तम स्त्री की प्राप्ति होती है।

मीन लग्न – द्वितीय भाव में मंगल

दूसरे भाव में मंगल के प्रभाव से जातक की संपत्ति, परिवार में वृद्धि होती है। विद्या, संतान में कमी हो सकती है। सातवीं मित्र दृष्टि से आयु, बुद्धि शक्ति में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा नवम भाव को देखने से भाग्य तथा धर्म की उन्नति होती है। ऐसा जातक का रहन सहन ठाट बाट वाला होता है।

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मीन लग्न – तृतीय भाव में मंगल

तीसरे भाव में मंगल के प्रभाव से जातक का साहस अपार होता है। पारिवारिक सुख के साथ शत्रु पक्ष पर अपना प्रभाव रखता है। भाग्य और धर्म की विशेष उन्नति होती है। पिता, राज्य व्यवसाय के पक्ष में सफलता मिलता है। ऐसा व्यक्ति धनी, यशवान, सुखी, धर्म का आचरम करने वाले, शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला होता है।

 

मीन लग्न – चतुर्थ भाव में मंगल

चौथे भाव में मंगल के प्रभाव से जातक को माता का भरपूर स्नेह प्राप्त होता है। इसके अलावा मकान, परिवार से समृद्ध होता है। जातक की स्त्री भाग्यशाली होती है। दैनिक कारोबार में वृद्धि, लाभ निरंतर होती है। वहीं कई बार जातक का बिना कुछ काम किए ही लाभ होता है। ऐसा जातक धनी होता है। विचार उच्च होते हैं।

 

मीन लग्न – पंचम भाव में मंगल

पंचम भाव में मंगल के प्रभाव से जातक का संतान और ज्ञान पक्ष कमजोर होता है। पारिवारिक सुख, किस्मत, धर्म पक्ष में कुछ कमी बनी रहती है।  हालांकि अष्टम भाव में देखने से आयु में वृद्धि होती है। कुछ मौकों पर आय और खर्च में वृद्धि देखी जाती है। बाहरी लोगों से संबंध कुछ खास नहीं होते हैं। असंतुष्टि रहती है।

 

मीन लग्न – षष्ठ भाव में मंगल

छठवे भाव में मंगल के प्रभाव से जातक अपने विरोधियों पर काबू रखता है। धन की कमी होने पर भी उसके उच्च रहन सहन में कमी नहीं होती है। कई बार ऐसा जातक धर्म का पालन करता है। खर्च अधिक होता है। दूसरे लोगों से संबंध संतोषजनक नहीं होते हैं। हालांकि शारीरिक शक्ति के प्रभाव से सम्मान प्राप्त करता है।

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मीन लग्न – सप्तम भाव में मंगल

इस भाव में मंगल के प्रभाव से भाग्यशाली स्त्री प्राप्त होती है। कारोबार में बड़ा लाभ होता है। ऐसा जातक धर्म पारायण, किस्मतवाला होता है। पिता, राज्य और कारोबार के क्षेत्र में निरंतर सफलता प्राप्त करता है। आय में लगातार बढ़ोतरी होती है। शारीरिक सौंदर्य, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा स्वाभिमान बढ़ता है।

 

मीन लग्न – अष्टम भाव में मंगल

इस भाव में मंगल के प्रभाव से जातक आयुवान होता है। भाग्य, धर्म, मान-सम्मान में कमी रहती है। वहीं आमदनी ठीक रहती है। कई बार अधिक लाभ प्राप्त करने की प्रवृत्ति निर्मित होती है। खूब परिश्रम से धन प्राप्त होता है। ऐसा जातक धन संचयी होता है। पारिवारिक सुख में कमी देखी जाती है, लेकिन जातक साहसी होता है।

 

मीन लग्न – नवम भाव में मंगल

मंगल के प्रभाव से जातक भाग्यशाली, सुख-समृद्धिवान होता है। अधिक खर्च करता है। अन्य लोगों से संबंध ज्यादा मजबूत नहीं होता है। भाई बहनों के सुख में कमी रहती है। साहस भरपूर होता है। भौतिक संपदा प्राप्त करता है।

 

मीन लग्न – दशम भाव में मंगल

दशम भाव में मंगल के प्रभाव से जातक व्यवसाय, राज्य क्षेत्र में काफी सफलताएं प्राप्त करता है। पारिवार का सुख, धन संपत्ति मिलती है। शरीर मजबूत होता है। अपना प्रभाव स्थापित करता है। मान-सम्मान व प्रतिष्ठा अर्चित करता है। संतान और विद्या पक्ष में कमी रहती है। साथ ही वाणी प्रभावशील नहीं होती है।

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मीन लग्न – एकादश भाव में मंगल

मीन लग्न के एकादश भाव में स्थित मंगल के प्रभाव से जातक की तीक्ष्ण बुद्धि होती है। वह भाग्यशाली होने के साथ ही धर्मात्मा होता है। परिवार सुख मिलता है। विद्या और संतान पक्ष में कमजोरी रहती है। अपने शत्रुओं पर आसानी से विजय प्राप्त करता है। कई बार विवादों से फायदा भी उठा लेता है।

 

मीन लग्न – द्वादश भाव में मंगल

मीन लग्न के द्वादश भाव में मंगल के प्रभाव से जातक का स्वभाव खर्चीला होता है। संबंधों से लाभ प्राप्त करता है। भाग्योन्नति में बाधा आती है। घरेलू सुख में कमी रहती है। धर्म-कर्म में ज्यादा मन नहीं लगता है। पराक्रम बढ़ता है। शत्रु पक्ष पर प्रभाव कर लेता है। व्यवसाय से लाभ होता है।

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