कुंभ राशि पर शनि साढ़ेसाती का अंतिम चरण कब तक चलेगा और जानें इसके प्रभाव

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Shani Sade Sati on Kumbh Rashi: साल 2025 में शनि के मीन में गोचर करने के साथ ही कुंभ राशि में साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा। इसका इस राशि के जातकों पर काफी प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह को सबसे धीमी गति से चलने वाला माना गया है।

अगले साल यानी मार्च 2025 में शनि के मीन राशि में गोचर होने के बाद कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू Kहोगी। बता दें कि शनि की साढ़ेसाती कुंभ राशि (Kumbh Rashi)) पर शनि की साढ़ेसाती 2020 में प्रारंभ हुई थी, जो साल 2027 तक चलेगी।

शनि के मीन गोचर होने के बाद कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा व अंतिम चरण शुरू होगा। आइए जानते हैं साल 2025 में शनि की साढ़ेसाती का कुंभ राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि कुंभ राशि के ही स्वामी हैं। शनि की साढ़ेसाती (Sade Sati) से प्रभावित राशि वालों को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक कष्टों के साथ कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

कुंभ राशि वालों को आर्थिक पक्ष को लेकर सतर्क रहना होगा। शनि के चलते कुंभ राशि वालों आर्थिक परेशानी हो सकती है। बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।

जानें कुंभ राशि को शनि की साढ़ेसाती से कब मुक्ति मिलेगी?

ज्योतिष के अनुसार कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा व अंतिम चरण 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक रहने वाला है। इसके बाद कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।

शनि साढ़ेसाती के क्या हैं उपाय

शनि की साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करें। इसे लाभकारी माना गया है। शनिवार के दिन शनि मंदिर जाएं। इसे शुभ माना गया है। वहीं शनिवार को सरसों के तेल का दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाना चाहिए।

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