HomeDeshजानें सैगोंग फॉल्ट के बारे में, जिससे म्यांमार और थाईलैंड में मची...

जानें सैगोंग फॉल्ट के बारे में, जिससे म्यांमार और थाईलैंड में मची तबाही, आगे भी बना हुआ है खतरा

WhatsApp Group Join Now

सैगोंग फॉल्ट: म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप के बाद भारत ने 50 टन राहत सामग्री भेजी है। दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं। म्यांमार में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा एक हजार के पार हो चुका है। सैगोंग फॉल्ट (Sangong Fault) ने म्यांमार में तबाही मचाई है। आइये जानते हैं भूकंप के लिए जिम्मेदार सैगोंग फॉल्ट (Sangong Fault) के बारे में।

भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है म्यांमार

म्यांमार भूकंप की दृष्टि से सबसे अधिक सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। ग्लोबल सीस्मिक रिस्क मैप पर म्यांमार रेड जोन में है। इसका मतलब है भूकंप का मध्यम से अधिक खतरा।

सैगोंग शहर के पास से गुजरती है ये दरार

म्यांमार में धरती की सतह के नीचे की चट्टानों में एक बहुत बड़ी दरार मौजूद है, जो देश के कई हिस्सों से होकर गुजरती है। यह दरार म्यांमार के सैगोंग शहर के पास से गुजरती है इसलिए इसका नाम सैगोंग फॉल्ट (Sangong Fault) पड़ा। यह म्यांमार में उत्तर से दक्षिण की तरफ 1200 किलोमीटर तक फैली हुई है।

स्पीड से खिसक रहीं चट्टानों से आता है पावरफुल भूकंप

इसे ‘स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट’ कहते हैं। इसका अर्थ है कि इसके दोनों तरफ की चट्टानें एक-दूसरे के बगल से हॉरिजॉन्टल दिशा में खिसकती हैं, ऊपर-नीचे नहीं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे दो किताबें टेबल पर रखी हों और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ स्लाइड किया जाए। सैगोंग फॉल्ट (Sangong Fault) में चट्टानों के खिसकने की अनुमानित रफ्तार 11 मिलीमीटर से 18 मिलीमीटर वार्षिक है।

चट्टानों के लगातार खिसकने से ऊर्जा का दबाव बनता है और यह ऊर्जा समय-समय पर भूकंप के रूप में ऊर्जा बाहर निकलती है। सालाना 18 मिलीमीटर तक जमीन खिसकने का मतलब है कि यहां जमीन के नीचे काफी अधिक हलचल है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर ऊर्जा इकठ्ठी हो रही है, जो पावरफुल भूकंप ला सकती है।

इन देशों में भी लगे भूकंप के झटके

म्यांमार में आए भूकंप से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 से अधिक थी और इस भूकंप के झटके म्यांमार के अलावा थाइलैंड, बांग्लादेश, भारत, वियतनाम और चीन तक महसूस किए गए।