Thursday, March 23, 2023
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मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या : महोदय नाम का दुर्लभ योग बनेगा, हनुमान जी की आराधना से मिलेगी सुख-समृद्धि

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मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या (Mauni Amavasya or Magha Amavasya): ज्योतिष, पंचांग के अनुसार इस साल लगातार सोमवार 31 जनवरी और मंगलवार 1 फरवरी 2022 को दो दिन अमावस्या की तिथि मानी गई है। वैसे तो अमावस्या तिथि एक दिन ही होती है। लेकिन इस बार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति कुछ इस प्रकार ही कि अमावस्या की तिथि दो दिनों तक रहेगी। जैसा कि सभी जानते हैं सोमवार, मंगलवार और शनिवार के दिन अमावस्या होने अत्यधिक महत्व है। अमावस्या के मौके पर नदी में स्नान, जरूरतमंदों को दान और व्रत आदि करना पुण्यदायक माना जाता है।  ही होती है। लेकिन इस साल ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के कारण दो अमावस्या तिथि पड़  रही माघ मास में होने वाले अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या (Mauni Amavasya or Magha Amavasya) भी कहा जाता है।

तिथि और योग

माघ या मौनी अमावस्या या भौमावती अमावस्या इस साल मंगलवार, 1 फरवरी 2022 को होगी। ज्योतिषियों के अनुसार इस अमावस्या के मौके पर महोदय नाम का दुर्लभ योग भी है। ,

पंचांग के अनुसार भौमावती या माघ या मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya or Magha Amavasya) तिथि की सोमवार 31 जनवरी 2022 को दोपहर 2.19 बजे से प्रारंभ होगी। ऐसा माना जाता है कि सोमवार को सूर्य के अस्त होने से कुछ समय पहले अगर अमावस्या तिथि शुरू होती है तो उसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है। 31 जनवरी को अमावस्या तिथि की शुरूआत दोपहर बाद से होगी। इसके चलते इस दौरान पितर संबंधी काम किए जा सकते हैं। यदि तिथि सुबह से समय लगी होती तो उस दौरान देवपूजन भी किया जा सकता था।

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पंचांग (Panchang) के अनुसार अमावस्या तिथि मंगलवार 1 फरवरी 2022 को सुबह 11.16 बजे तक रहेगी।  वहीं अमावस्या का व्रत उदया तिथि (Udya Tithi) में 1 फरवरी को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार मंगलवार को अमावस्या तिथि के अवसर पर महोदय नाम का शुभ योग बनेगा। इस के चलते इस दिन का विशेष महत्व माना जा रहा है। अमावस्या तिथि चूंकि मंगलवार को है ऐसे में हनुमान जी का पूजन बेहद फलदायी होगा। इस जप, तप, व्रत, स्नान का कई गुना पुण्य मिलता है

पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व

वैदिक धर्म में अमावस्या तिथि का अलग ही महत्व है। इस दिन पवित्र नदी गंगा, यमुना समेत अन्य नदियों में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। स्नान के बाद दानादि करना चाहिए। इससे देव, पितृ प्रसन्न होते हैं। परिवार की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साल भर होने वाली अमावस्या में माघ या मौनी अमावस्या का अत्यधिक महत्व है।

परंपरा और मान्यता के अनुसार, अमावस्या की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी शून्य हो जाती है। कहा जाता है कि इस मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से मुनि पद प्राप्त होता है। अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृत माना जाता है। यहां स्नान से दुख, कष्ट का नाश होता है। श्रीहरि के धाम की प्राप्ति होती है।

अमावस्या के दिन क्या करें

– श्रद्धालुओं को स्नान के बाद भगवान विष्णु और लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए।

– इस दिन मछलियों को दाना डालें या आटे की गोलियां खिलाएं। ऐसा करने से शारीरिक कष्ट के अलावा दूसरी समस्याएं दूर होती हैं।

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– इस दिन चीटियों को शक्कर मिला आटा खिलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इससे श्रद्धालुओं को पुण्यफल प्राप्त होता है। सांसारिक सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। रूके हुए कार्य आगे बढ़ते हैं।

– इस माता लक्ष्मी को खीर का भोग अर्पित करें। ऐसा करने वे काफी प्रसन्न होती हैं। व्यक्ति धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है। माता लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने घी का दीया जलाएं।

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