Monday, March 20, 2023
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Navratri 2nd Day : नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें, मनचाहा फल मिलेगा, इस बात का रखें ध्यान

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शारदीय नवरात्रि 2022 मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप : शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो चुका है। आश्विन शुक्ल पक्ष द्वितीया के अवसर पर 27 सितंबर 2022 मंगलवार को मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना की जाएगी। श्रद्धालु भक्त इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। मां ब्रह्माचारिणी भक्तों की आराधना से प्रसन्न होकर मनचाहा फल देती है। श्रद्धालुओं को आराधना करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं नवरात्रि के दूसरे दिन (Shardiya Navratri 2nd Day) की आराधना के बारे में..

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप (Shardiya Navratri 2nd Day)

धर्म शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) को ज्ञान, तप व वैराग्य की देवी माना जाता है। मां के स्वरूप के बारे में बात करें तो एक हाथ में जपमाला, दूसरे हाथ में कमंडल है। Maa Brahmacharini स्वरूप की पूजा करने से श्रद्धालुओं के संयम, तप, त्याग, ज्ञान, अध्यात्म में बढ़ोतरी होती है। कार्यों में सफलता मिलती है। सभी प्राणियों के प्रति सद्भावना उत्पन्न होती है।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि (Maa Brahmacharini Puja Vidhi)

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होने के बाद पूजा स्थल की सफाई करे।  मां ब्रह्मचारिणी माता की पूजा के समय पीले या श्वेत रंग के वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें।  मां दुर्गा पंचामृत स्नान कराएं। तत्पश्चात अक्षत, रोली, चंदन, लौंग, इलायची, मिश्री समर्पित करें। मां ब्रह्मचारिणी को कमल और अड़हूल के फूल प्रिय हैं, इसलिए संभव होने पर इस फूल को अर्पित करें। व्रत इस दिन माता को सफेद रंग की वस्तुएं अर्पितकर घी के दीये जलाएं, फिर आरती करें।

मां ब्रह्मचारिणी को लगाएं ये भोग

मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री के साथ पंचामृत का भोग लगाएं। मां को दूध से बने व्यंजन अतिप्रिय हैं।यह माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से मां प्रसन्न होती है।

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र (Maa Brahmacharini Ke Mantra)

  • या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
  • दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा

विशेष – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, व्रत के दौरान किसी से क्रोध में बात न करें। अपशब्दों का इस्तेमाल न करें। बुजुर्गों की सेवा करें। बच्चों से प्रेम करें। पशु-पक्षियों को दाना-चारा दें। किसी की निंदा-चुगली न करें। इन बातों का विशेष ध्यान रखें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। babapost.in इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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