नई दिल्ली. नोबेल शांति पुरस्कार 2025 का ऐलान कर दिया गया है। इस साल इस पुरस्कार का विजेता वेनेज़ुएला की मारिया कोरिना माचाडो (María Corina Machado) को चुना गया है, जिन्हें उनके शांति स्थापना और वैश्विक संघर्षों को कम करने में योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump ) इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नहीं हैं। यह पुरस्कार हर साल उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने वैश्विक शांति, मानवाधिकार और संघर्ष समाधान में अहम योगदान दिया हो।
इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2025) नहीं जीत सके। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर लंबे समय से यह चर्चा थी कि उन्हें यूक्रेन युद्ध और अन्य अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में मध्यस्थता के लिए नामांकित किया जा सकता है, लेकिन अंततः जूरी ने इस वर्ष का पुरस्कार मारिया कोरिना माचाडो (María Corina Machado) को प्रदान करने का फैसला किया।
María Corina Machado ने किया ये बड़ा काम
मारिया कोरिना माचाडो (María Corina Machado) ने वेनेज़ुएला में लगातार बढ़ती तानाशाही के बावजूद लोकतंत्र की रक्षा के लिए अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया है। उन्होंने इंजीनियरिंग और बिजनेस की पढ़ाई की और थोड़े समय के लिए बिजनेस में भी काम किया, लेकिन उनकी असली पहचान समाज और देश सेवा में निहित रही। साल 1992 में उन्होंने अटेनिया फाउंडेशन की स्थापना की, जो काराकास की सड़कों पर रहने वाले बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करती है।
नेशनल असेंबली सदस्य भी रही
इसके दस साल बाद उन्होंने Súmate की स्थापना में अहम भूमिका निभाई, जो देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा देती है और लोगों को चुनाव प्रक्रिया की ट्रेनिंग देती है। साल 2010 में उन्हें नेशनल असेंबली का सदस्य चुना गया, जहां वे रिकॉर्ड मतों से विजयी रही।लेकिन 2014 में सत्ता ने उन्हें पद से हटा दिया। इसके बाद भी माचाडो ने हार नहीं मानी और वेन्टे वेनेज़ुएला विपक्षी पार्टी का नेतृत्व किया। साल 2017 में उन्होंने सोय वेनेज़ुएला गठबंधन की स्थापना में मदद की, जो राजनीतिक मतभेदों को पार करते हुए लोकतंत्र समर्थक ताकतों को एकजुट करता है।
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