Shardiya Navratri 2022 Day 5th मां स्कंदमाता की पूजा: शारदीय नवरात्रि पर्व प्रारंभ हो चुका है। इस दौरान भक्ता मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना कर रहे हैं। शारदीय नवरात्रि आश्विन माह पंचमी तिथि के दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता को सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है। मां की पूजा संतान सुख के लिए की जाती है। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि मां स्कंदमाता अपने भक्तों की रक्षा करती है।
मां स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त (Maa Skandmata Ki Puja-Shubh Muhurat)
पंचमी तिथि – 10.34 पीएम तक तत्पश्चात षष्ठी
अनुराधा नक्षत्र- 4.19 एएम तक (1 अक्टूबर) तत्पश्चात ज्येष्ठा
मां स्कंदमाता का स्वरूप ((Maa Skandmata Ka Swaroop)
मां दुर्गा के इस पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की गोद में भगवान स्कंद यानि कार्तिकेय 6 मुख वाले बालरूप में विराजित रहते हैं। स्कंदमाता की 4 भुजाएं हैं जिनमें माता ने अपने पुत्र स्कंद, दो हाथों में कमल पुष्प, जबकि एक हाथ वरदमुद्रा की है। मां का वाहन सिंह है।
मां स्कंदमाता की पूजा विधि ((Maa Skandmata Puja Vidhi)
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। साफ कपड़े पहनकर वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर स्थापित मां दुर्गा की पूजा करें। साथ ही कलश की पूजा कर मां के स्कंदमाता स्वरूप काध्यान करें। धूप,अगरबत्ती, सिंदूर, पुष्प, माला, अक्षत (चावल) आदि मां को अर्पित करें। यथासंभव भोग लगाएं। मां दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) , दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। तत्पश्चात मां स्कंदमाता के मंत्र का 108 बार जप करें।
मन्त्र:-
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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