Shardiya Navratri 2022 Day 5th मां कालरात्रि की पूजा: शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि रविवार 2 अक्टूबर 2022 को है। इस दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है।धर्म शास्त्रों के अनुसार, मां कालरात्रि (Maa Kalratri) आसुरी शक्ति, दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। मां कालरात्रि की श्रद्धापूर्वक आराधना करने से व्यक्ति के मन से भय दूर होता है, वह निडरता पूर्वक अपने कर्म करता है। मां अपने भक्त की रक्षा करती है।
मां कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त (Maa Kalratri Ki Puja-Shubh Muhurat)
सप्तमी तिथि – 6.47 पीएम तक तत्पश्चात अष्टमी
मूल नक्षत्र- 01.53 एएम तक (3 अक्टूबर) तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
मां कालरात्रि का स्वरूप ((Maa Kalratri Ka Swaroop)
मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि के 4 हाथ हैं। जिसमें एक में खड्ग (तलवार), दूसरे शस्त्र, तीसरा हाथ वरमुद्रा की स्थिति में और चौथा हाथ अभय मुद्रा में हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार मां कालरात्रि का वाहन गर्दभ है। मां कालरात्रि को रातरानी का फूल अर्पित करना शुभ कहा गया है। मां का शुभ रंग लाल है। इसलिए लाल रंग के गुलाब या गुड़हल के पुष्प माता को अर्पित किया जाना चाहिए।
मां कालरात्रि की पूजा विधि ((Maa Kalratri Puja Vidhi)
नवरात्रि की सप्तमी तिथि के दिन मां कालरात्रि का पूजा की जाती है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा स्थल को स्वच्छ कर मां दुर्गा की आराधना प्रारंभ करें। मां के कालरात्रि स्वरूप की अक्षत, पुष्प, धूप, गंधक और गुड़ आदि से पूजन करें। संभव हो तो रातरानी का पुष्प अर्पित करना चाहिए। मां के मंत्र का जप करें और फिर आरती करें।
मंत्र –
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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