Rahu Effect: ज्योतिष शास्त्र में राहु (Rahu) को एक बेहद क्रूर ग्रह माना गया है. कुंडली में राहु (Rahu) की शुभ स्थिति व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्रदान करती है. कुंडली में राहु (Rahu) ग्रह उच्च का हो तो उसे इसके शानदार परिणाम प्राप्त होते हैं. राहु (Rahu) अपने मित्र ग्रहों के साथ ज्यादा बलवान होता है.
कुंडली में राहु की अशुभ स्थिति से बेहद कष्ट के साथ हानि उठाना पड़ता है. शास्त्रों के अनुसार राहु (Rahu) ग्रह भगवान भैरव देव का प्रतिनिधित्व करता है. वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु (Rahu) के अशुभ प्रभाव से जातकों को कई प्रकार की अड़चनों का सामना करना पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु (Rahu) और केतु के कारण कुंडली में काल सर्प दोष की स्थिति उत्पन्न होती है. इसका प्रभाव व्यक्ति को जीवन में कई मौकों पर झेलना पड़ता है. राहु (Rahu) जातकों को शुभ और अशुभ दोनों ही परिणाम देता है. राहु (Rahu) ग्रह शांति के उपाय करने से जातकों को राहु (Rahu) दोष से मुक्ति मिलती है.आइए जानते हैं राहु (Rahu) के अशुभ प्रभाव से बचने के उपायों के बारे में.
राहु की शांति के उपाय
जो जातक कुंडली में राहु (Rahu) पीड़ित हो उन लोगों को नीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए. शराब और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. मां दुर्गा की पूजा करें. वराह देव की आराधना करें. भैरव देव की पूजा करने से भी आपको विशेष लाभ होगा. राहु (Rahu) की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन राहु (Rahu) ग्रह से संबंधित वस्तुओं जैसे कि जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, गोमेद रत्न, नीले या भूरे रंग के कपड़े और कांच का सामान दान करें.
जो राहु (Rahu) पीड़ित हो उन लोगों को विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह के बाद गोमेद रत्न धारण करना चाहिए. इससे राहु (Rahu) दोष से मुक्ति मिलती है.
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