Thursday, June 8, 2023

ये शानदार 2 योग वट सावित्री व्रत को बना रहे खास, शुभ मुहूर्त में पूजा से पूरी होगी हर इच्छा!

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वट सावित्री व्रत Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का बड़ा महत्व है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। वट सावित्री पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाने का विधान है। इस बार यह व्रत 19 मई को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत रखेंगी, बरगद यानी वट वृक्ष की पूजा करेंगी। वट सावित्री व्रत की कथा सुनेंगी। इस साल ये 2 खास योग भी बन रहे हैं।

वट सावित्री व्रत 2023 मुहूर्त

हिंदी पंचांग के अनुसार ज्‍येष्ठ अमावस्‍या तिथि 18 मई की रात 9।42 बजे से प्रारंभ होगी और 19 मई की रात 9।22 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 19 मई को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि व्रत सावित्री व्रत रखने से करवा चौथ के व्रत करने के बराबर फल मिलता है। इस बार वट सावित्री व्रत के दिन गज केसरी योग और शश राजयोग भी पड़ रहा है। इन दोनों योग को पूजा-पाठ, शुभ काम करने के लिए बेहद शुभ माना गया है।

वट सावित्री व्रत और पूजन 

वट सावित्री के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें। फिर लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें। शृंगार करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। फिर वट वृक्ष के नीचे बैठ कर पूजा करें। पेड़ की 7 परिक्रमा करते हुए सूत लपेटें। सावित्री और सत्यवान की कथा पढ़ें या सुनें। वट वृक्ष को शृंगार का सामान, मौसमी फल, फूल अर्पित करें। पूजा में भीगे हुए चने जरूर चढ़ाएं। घर के बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। मान्‍यता है कि वट सावित्री व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से पति की आयु लम्बी होती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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