महासमुंद. शासकीय उच्च प्राथमिक शाला खट्टा में आयोजित पालक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) ने एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसमें शत-प्रतिशत पालकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ग्रामीण क्षेत्र में व्यस्तता के बावजूद, पालकों ने अपने काम-धंधे छोड़कर बच्चों की शैक्षिक प्रगति पर चर्चा के लिए समय निकाला। इस पहल की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।
संस्था के प्रधान पाठक ओम नारायण शर्मा ने बताया कि पालकों को आमंत्रण पत्र भेजा गया था, जिसमें प्रत्येक पालक को अलग-अलग समय स्लॉट आवंटित किए गए थे। इस व्यवस्था के कारण पालक अपने बच्चों के साथ निर्धारित समय पर उपस्थित हुए, जिससे भीड़ नहीं हुई और बेहतर माहौल में खुली चर्चा संभव हो सकी।
शिक्षक फिरेन्द्र पटेल, घनश्याम कुमार, और लीलाधर कर्ष के सहयोग से बच्चों का मासिक आकलन कर परीक्षाफल तैयार किया गया था तथा शिक्षकों ने बच्चों से संबंधित सभी जानकारियाँ पूर्व से निर्धारित फार्मेट में एकत्रित कर ली थीं। प्रत्येक पालक के लिए 15 मिनट की कार्ययोजना बनाई गई, जिसमें बच्चे की उपस्थिति में शैक्षिक, सामाजिक, व्यावहारिक, पाठ्येत्तर, स्वास्थ्यगत, और विशेष आवश्यकताओं पर चर्चा हुई। \
आधार, पेन, जाति, अपार, और बैंक खाता जैसे अभिलेखों का सत्यापन भी किया गया। दो अलग-अलग टेबल्स के माध्यम से प्रत्येक पालक से 15 मिनट की गहन चर्चा कर बच्चों की प्रगति के लिए कार्ययोजना बनाई गई। कुछ बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए चिकित्सा योजनाएँ भी तैयार की गईं।
पालकों ने इस बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, इस चर्चा से हमें अब यह विश्वास हो रहा है कि शासकीय स्कूलों के शिक्षक हमारे बच्चों की चिंता कर रहे हैं। अब हम उनके साथ मिलकर अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की योजना बना सकते हैं। यह चर्चा अभूतपूर्व है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पालकों की कम उपस्थिति को देखते हुए, कक्षा छठवीं के लिए इसे प्रायोगिक तौर पर आयोजित किया गया, जिसमें शत-प्रतिशत सफलता मिली । अब कक्षा सातवीं और आठवीं के लिए भी पीटीएम आयोजित होगी, और प्रत्येक तीन माह में इसे नियमित रूप से किया जाएगा तथा यह प्रयास किया जाएगा कि अगली तिमाही में बच्चों के माता और पिता दोनों उपस्थित रहें ।
शासकीय स्कूल में शिक्षकों द्वारा पालकों के साथ व्यक्तिगत चर्चा और स्वास्थ्यगत योजनाओं की इस अनोखी गतिविधि की पालकों ने जमकर सराहना की है । यह पहल बच्चों की शैक्षिक और स्वास्थ्यगत गुणवत्ता बढ़ाने तथा स्कूल-समुदाय के बीच सहयोग को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा। इस बैठक में संकुल प्राचार्य लिकेश साहू भी उपस्थित हुए।