नवग्रहों (Navgrah) की चाल का मानव जीवन पर असर: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों की गति का असर मानव जीवन पर पड़ता है। मनुष्य की जीवन में होने वाली घटनाएं सूर्यादि नवग्रहों की गति, प्रकृति का आधार पर घटती है। इन ग्रहों की प्रकृति के आधार पर किसी भी जातक से जुड़ी घटनाओं, व्यक्तित्व का पता लगाया जाता है। आइये यहां हम सूर्यादि नवग्रहों की मूल प्रकृति के बारे में जानते हैं।
सूर्य (Sun)
सूर्य को नवग्रहों में राजा कहा गया है। इस कारण इसे सभी ग्रहों से श्रेष्ठ माना गया है। सूर्य से सभी को जीवनी शक्ति प्राप्त होती है। प्रकाश प्रदान करता है अग्नि तत्व होने के कारण हमें सूर्य शक्ति प्रदान करता है। सूर्य जन्म और मृत्यु का कारण माना गया है।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य को आत्मा कहा गया है सूर्य (Sun) के द्वारा शासन, सरकार से जुड़ी घटनाओं पर विचार किया जाता है। सूर्य को रास्ता दिखाने वाला धैर्य, ऐश्वर्य, मान-सम्मान, इज्जत, ज्ञान, विवेक, सद्गुण, आरोग्य, धन, अधिकार प्रदान करने वाला माना गया है। जातक के भीतर सतकर्म, काम, अभिलाषा, प्रतिभा सूर्य से मिलता है। सूर्य जातक को तेजवान, भक्त, देव बनाता है।
चन्द्र (Moon)
ज्योतिषशास्त्र में चन्द्र को रानी का दर्जा मिला हुआ है। चंद्र मन का स्वामी माना गया है। जातक के मन का संचालन चन्द्र के माध्यम से होता है। मन पर नियंत्रण होने से जातक चरित्रवान, धन, सुख, सम्मान से परिपूर्ण होता है। स्त्री जाति के सम्पूर्ण शरीर का स्वामी चन्द्र को माना गया है। चन्द्र, दया, चरित्र, शीतलता का भी सूचक है। चन्द्र अगर दूसरे ग्रह के साथ होता है तो अपने भीतर उस ग्रह का प्रभाव लेकर कार्य करता है। चंद्र सूर्य के तेज से प्रकाशित होता है। सुख स्थिति का चन्द्र जातक को दयालु बनाता है। निर्बल चंद्र मन को चंचल बनाता है, व्यक्ति ठीक से निर्णय नहीं ले पाता है। जातक में ज्ञान की कमी होती है ।
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मंगल (Mars)
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को सेनापति का दर्जा हासिल है। ज्योतिष विज्ञान में मंगल के विषय में प्राय: अशुभ चर्चा की जाती है, लेकिन यह जातक को मानव और दानव दोनों ही बनाता है। क्षमा और दंड दोनों की प्रवृत्ति इसमें होती है। मंगल जिनका बलवान होता है वह जातक साहसी होता है। अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करता है। यह भूमिपुत्र होने के कारण जीवन की जंग को जीतने के लिए मंगल की आवश्यकता होती है। यह जातक को शारीरिक और मानसिक शक्ति प्रदान करता है।
बुध (Mercury)
बुध ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है। बुद्धि-बल के द्वारा ही जातक समाज में अपना स्थान बना पाता है। बुध अगर अकेला है, तो भाव अनुसार अच्छे-बुरे को प्रकट करेगा। परन्तु यदि किसी और ग्रह के साथ है, तो वह उस ग्रह का प्रभाव भी अपने भीतर ग्रहण कर लेता है, इसके चलते बुध की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। बुध के निर्बल होने से वाणी में दोष हो जाता है। कोई भी जातक बुद्धिमान हो सकता है, किसी समय बुद्धि का प्रयोग किया जाए यह महत्वपूर्ण है।
गुरु (Jupiter)
गुरु से सभी को ज्ञान की प्राप्ति होती है। माता-पिता के बाद गुरु का ही सर्वाधिक महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु ज्ञान, बुद्धि, न्याय, चरित्र, धन आदि का सूचक है। गुरु बिना ज्ञान प्राप्त नहीं होता है। गुरु मान प्रतिष्ठा, जितेन्द्रियता आदि का सूचक होता है। दया, ममता सभी कुछ गुरु ही प्रदान करता है। गुरु निर्बल के निर्बल होने पर जातक में अहंकार की अधिकता रहती है।
शुक्र (Venus)
शुक्र प्रेम का प्रतीक है। इसमें श्रृंगार, काम आदि का समावेश है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संगीत, कला, साहित्य ये सभी शुक्र के अधीन हैं। कहा जाता है कि जीवन को सबल, स्वस्थ बनाने के लिए वीर्य का होना आवश्यक है। ज्योतिष विज्ञान में शुक्र को मंत्री का दर्जा दिया गया है। विचार शुक्र के अधीन होते हैं। राजनीति का विचार भी शुक्र के आधार पर किया जाता है। चरित्र का गठन, शर्म, लज्जा आदि शुक्र के अधीन होते हैं। शुक्र अगर अकेला हो तो उत्तम फल ही देता है। किसी और ग्रह के प्रभाव में आने से शुक्र उस ग्रह के दोष-गुण के अनुसार फल प्रदान करता है।
शनि (Satarn)
ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश की पदवी दी गई है। शनि के सबल होने पर यह जातक को श्रेष्ठ बना देता है। इसके भीतर उत्तम गुण होते हैं। ऐसे जातक न्यायप्रिय होते हैं। किसी भी स्थिति का मनोबल से सामना करते हैं। न्यायवादी होते हैं। समाज सुधारक, सुन्दर चरित्र, एकांत प्रिय आदि इसके अधीन होते हैं। बड़े-बड़े वैज्ञानिक, जज, वकील, संन्यासी, योगी, तान्त्रिक सभी को शनि का प्रभाव रहता है।
राहु-केतु (Rahu-Ketu)
इन दोनों ग्रहों को छाया ग्रह माना गया है। जातक को यह हमेशा बुरे फल नहीं देते हैं, क्योंकि जीवन में छाया का भी महत्व है। राहु दयावान ग्रह है, परन्तु इसकी दया में भी स्वार्थ छिपा रहता है। इनका प्रभाव अचानक दिखता है। ये जातक को तीर्थयात्रा कराते हैं। मिलाजुला फल प्रदान करते हैं।
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