Operation Sindoor: बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बरतापूर्ण आतंकी हमले में कुल 26 आम नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद से ही भारत के लोगों में पाकिस्तान समर्तित आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा था। घटना के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात (6 मई की देर रात) पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद 9 से ज्यादा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है।
इस स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने दुनिया के सामने झूठी कहानी बनाने लगा है। लेकिन भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने प्रेस ब्रीफ के दौरान पाकिस्तान के हर झूठ को बेनकाब कर दिया है।
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बुधवार को जो आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, उसमें भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके साथ दो महिला सैन्य अधिकारी मौजूद थीं। पहली कर्नल सोफिया कुरैशी और दूसरी विंग कमांडर व्योमिका सिंह, दोनों महिला अधिकारियों ने भारतीय सेना के साहस और पराक्रम को दुनिया के सामने रखा और पाकिस्तान द्वारा पाले जा रहे आतंकवाद को भारतीय सेना कैसे ख़त्म कर रही है, उसकी जानकारी दी।
सोशल मीडिया पर लगातार इन दोनों महिला अधिकारियों की चर्चा भी हो रही है, ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि ये दोनों अधिकारी आखिर हैं कौन, और क्यों भारतीय सेना, भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए इन दोनों को ही क्यों चुना। आइए जानते हैं इन दोनों की कहानी।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह
भारतीय वायुसेना में 18 दिसंबर 2004 को कमीशन हुईं विंग कमांडर व्योमिका सिंह को मौजूदा वक्त की सबसे बेहतरीन विंग कमांडर में से एक माना जाता है। उनके पास लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का एक शानदार अनुभव है और चीता, चेतक जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर उड़ाने में महारथ है। व्योमिका सिंह को वायुसेना में शामिल होने के 13 साल बाद विंग कमांडर का पद मिला और 18 दिसंबर 2017 में वो विंग कमांडर बनीं।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पास इस समय हज़ारों घंटे फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है, जो उन्हें सबसे सक्षम बनाता है। बता दें कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह ना सिर्फ लड़ाकू हेलिकॉप्टर को चलाने में सक्षम हैं, बल्कि साल 2021 में वायुसेना की जिस महिला विंग ने माउंट मणिरंग की चढ़ाई की थी, वे उसका भी हिस्सा रह चुकी हैं ।
कर्नल सोफिया कुरैशी
प्रेस ब्रीफ के दौरान हिंदी में पूरी बात रख रहीं कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों की एक-एक जानकारी दुनिया के सामने रखी। सोफिया कुरैशी कॉर्प्स ऑफ सिग्नल से जुड़ी हुई अधिकारी हैं। 35 साल की सोफिया कुरैशी इंडियन आर्मी के पूरे कॉन्टिजेंट को एक कई देशों की सैन्य एक्सरसाइज़ में लीड भी कर चुकी हैं। साल 2016 में वे एक्सरसाइज़ फोर्स 18 मिलिट्री ड्रिल का हिस्सा बन चुकी हैं और उसे लीड भी कर चुकी हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में क्या हुआ?
जैसा कि सभी को मालूम ही है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी, ये सभी लोग आम टूरिस्ट थे जो पहलगाम घूमने गए हुए थे। इस घटना के 15 दिन बाद भारत ने 6 मई की देर रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद अलग-अलग आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक कर उन्हें तबाह कर दिया। भारत ने इस अभियान को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है।
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