महासमुंद. भारत अब अपनी पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना 2027 की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा चुका है। महासमुन्द जिले के झलप में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन के साथ देश में इस ऐतिहासिक परियोजना की नींव रखी गई। यह प्रशिक्षण 5 से 7 नवंबर तक चला, जिसमें 39 प्रगणक (Enumerators) और 7 सुपरवाइजर को डिजिटल जनगणना की नई तकनीकों, मोबाइल ऐप के उपयोग और फील्ड वर्क प्रक्रिया की बारीक जानकारी दी गई।
झलप में सम्पन्न हुआ तीन दिवसीय प्रशिक्षण
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला झलप में आयोजित प्रशिक्षण के पहले दिन प्रतिभागियों को डिजिटल जनगणना की अवधारणा, HLB सीमा निर्धारण, DLM ऐप के माध्यम से मानचित्र निर्माण, और कानूनी जिम्मेदारियों की जानकारी दी गई।
दूसरे दिन मकान सूचीकरण और गणना ऐप के संचालन पर प्रायोगिक सत्र हुए, जबकि तीसरे दिन स्व-गणना प्रणाली और पर्यवेक्षण ऐप के उपयोग पर विशेष अभ्यास कराया गया।
इस दौरान प्रगणकों को फील्ड प्रैक्टिकल के माध्यम से वास्तविक सर्वेक्षण अनुभव भी प्रदान किया गया।
तकनीक के ज़रिए पारदर्शी और सटीक जनगणना
भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है जब जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से की जाएगी। इसके लिए दो विशेष मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किए गए हैं — एक प्रगणकों के लिए और दूसरा नागरिकों के स्व-गणना (Self Enumeration) हेतु।
अब नागरिक स्वयं अपने परिवार की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल या ऐप के माध्यम से दर्ज कर सकेंगे। यह व्यवस्था विशेष रूप से कामकाजी और प्रवासी नागरिकों के लिए सुविधाजनक साबित होगी।
जनगणना 2027 — दो चरणों में होगी प्रक्रिया
भारत की डिजिटल जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी —
- पहला चरण (अप्रैल–सितंबर 2026):
इस चरण में भवनों, परिवारों और जनगणना मकानों की पहचान की जाएगी और उन्हें जियो-टैग किया जाएगा। समयसीमा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों द्वारा तय की जाएगी। - दूसरा चरण (फरवरी–मार्च 2027):
पूरे देश में जनसंख्या गणना की जाएगी। इस दौरान नागरिकों की सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय जानकारी एकत्रित की जाएगी।
अधिकारियों का मार्गदर्शन और सहभागिता
प्रशिक्षण सत्र के दौरान जनगणना निदेशक (आईएएस कार्तिकेय गोयल), कलेक्टर महासमुन्द विनय कुमार लंगेह, एसडीएम अक्षा गुप्ता, और चार्ज जनगणना अधिकारी जुगल किशोर पटेल उपस्थित रहे।
डिप्टी कलेक्टर मनोज खांडे ने स्थल निरीक्षण करते हुए प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया।
प्रशिक्षण संचालन में मास्टर ट्रेनर अशोक मिश्रा, संतोष मेंढे और बैद्यनाथ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
समापन अवसर पर तहसीलदार जुगल किशोर पटेल ने सभी प्रगणकों से “हर नागरिक तक सटीकता और संवेदनशीलता के साथ पहुँचना” का आह्वान किया।
10 नवंबर से महासमुन्द जिले के 24 ग्रामों में पूर्व परीक्षण
महासमुन्द विकासखंड के 24 ग्रामों —
झलप, छिलपावन, सरेकेल, ढाँक, कुर्रूभाठा, गुडेलाभाठा, खम्हारमुड़ा, तेलीबांधा, डुमरपाली, गोंगल, लखनपुर, मुनगासेर, बरभाठा, सिंघनपुर, टुरीडीह, रामपुर, सिंघरूपाली, सिंघुपाली, जामपाली, फुलवारी, बावनकेरा, बेलपारा, नवापारा और बंबूरडीह — में 10 नवंबर से जनगणना का पूर्व परीक्षण (Pilot Survey) शुरू होगा।
इन ग्रामों में प्रशिक्षित प्रगणक घर-घर जाकर नागरिकों से आवश्यक जानकारी एकत्र करेंगे।
“आपकी जानकारी, देश की पहचान” — प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन महासमुन्द ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस पहली डिजिटल जनगणना में पूर्ण सहयोग करें।
हर नागरिक का सटीक डेटा ही भारत की भविष्य की योजनाओं और विकास नीतियों का आधार बनेगा।
प्रशासन का संदेश —
“सही जानकारी देना हर नागरिक का कर्तव्य है। आपकी दी हुई एक सटीक सूचना आने वाले भारत की तस्वीर तय करेगी।”
जब जनगणना प्रगणक आपके द्वार आएँ, तो सहयोग, सच्चाई और तत्परता से अपनी जानकारी दें।
आपकी भागीदारी ही इस ऐतिहासिक डिजिटल जनगणना 2027 को सफल बनाएगी।
भारत की यह पहल केवल एक जनगणना नहीं, बल्कि डिजिटल भारत की दिशा में मील का पत्थर है। आधुनिक तकनीक, मोबाइल ऐप्स और नागरिक सहभागिता के माध्यम से जनगणना को पारदर्शी, सटीक और समयबद्ध बनाया जा रहा है।
यह जनगणना आने वाले दशक की नीतियों, योजनाओं और विकास मॉडल की रूपरेखा तय करेगी।







