रायपुर. आगामी 15 नवंबर 2025 से प्रदेशभर में धान खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है। इसी के तहत रायपुर जिले में तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज अपर मुख्य सचिव एवं जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा ने कलेक्ट्रेट स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की।
बैठक के दौरान श्रीमती शर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी उपार्जन केंद्रों में आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी की जाएं, ताकि किसानों को धान विक्रय में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने स्पष्ट कहा कि धान खरीदी की प्रक्रिया पारदर्शी और सुगम होनी चाहिए, जिससे किसानों को समय पर भुगतान मिल सके।
किसानों की सुविधा पर विशेष जोर
प्रभारी सचिव ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए प्रत्येक उपार्जन केंद्र में कॉल सेंटर के नंबर स्पष्ट रूप से चस्पा किए जाएं, ताकि किसान किसी भी समस्या या शिकायत की सूचना तुरंत दे सकें। शिकायतों के निराकरण के लिए समयबद्ध प्रणाली अपनाई जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि धान की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और धान का उठाव तेजी से सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही स्टैकिंग (Stacking) करते समय धान की किस्म के अनुसार अलग-अलग रखरखाव किया जाए ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
अवैध धान परिवहन पर सख्त निगरानी
श्रीमती शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोचियों और अवैध धान परिवहन पर पूरी नजर रखी जाए। इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिले की स्थिति और व्यवस्थाएं
बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार, खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के लिए रायपुर जिले में 1,34,037 किसान पंजीकृत हैं। जिले में 1,26,921 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल बोई गई है। धान खरीदी के लिए कुल 139 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं।
किसानों की सहायता के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें जिला और ब्लॉक स्तर पर उड़नदस्ता दलों का गठन किया गया है। इसके साथ ही अवैध धान परिवहन रोकने के लिए 5 चेक पोस्ट बनाए गए हैं, जिनमें 43 कर्मियों की तैनाती की गई है।
गुणवत्ता जांच और बारदाने की व्यवस्था
प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि तहसीलदार की अध्यक्षता में गुणवत्ता जांच दल सक्रिय रहेगा। इसके साथ ही धान भंडारण के लिए बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था की जा चुकी है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्रों की पहचान कर वहां अधिकारी स्तर की निगरानी व्यवस्था भी लागू की गई है।
प्रशासन का लक्ष्य – किसानों को मिले उचित मूल्य
प्रभारी सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर किसान को अपनी उपज का उचित मूल्य समय पर प्राप्त हो। इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खरीदी व्यवस्था कृषक-केंद्रित और पारदर्शी होनी चाहिए ताकि राज्य की कृषि नीति का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे।
रायपुर जिला प्रशासन ने धान खरीदी 2025 को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। सुरक्षा, गुणवत्ता, भुगतान और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन का उद्देश्य है कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। राज्य सरकार और प्रशासन की यह पहल छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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