रायपुर. छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने से पहले ही राज्य सरकार और मार्कफेड द्वारा अवैध धान परिवहन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अन्य राज्यों से गैरकानूनी तरीके से लाया जा रहा धान समर्थन मूल्य का लाभ लेने का बड़ा माध्यम बनता है, जिसे रोकने के लिए इस बार शासन ने सख्त व्यवस्था की है। इसके तहत सीमावर्ती जिलों में चेकपोस्ट, पुलिस बल, जिला प्रशासन और कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
मार्कफेड द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 नवंबर से 16 नवंबर तक कुल 19,320 क्विंटल अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा धान जब्त किया गया है। यह कार्रवाई धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी और प्रणालीगत रूप से मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
किस जिले में कितनी जब्ती
इस अवधि में सीमावर्ती जिलों से छत्तीसगढ़ में आने वाले अवैध धान की सबसे अधिक जब्ती महासमुंद जिले में 4,266 क्विंटल की गई। इसके बाद बलरामपुर और सूरजपुर में भी उल्लेखनीय मात्रा में धान पकड़ा गया।
जिलावार धान जब्ती के विस्तृत आंकड़े (1–16 नवंबर)
| जिला | जब्त धान (क्विंटल) |
| महासमुंद | 4,266 |
| बलरामपुर | 4,229 |
| सूरजपुर | 1,750 |
| रायगढ़ | 1,201 |
| जशपुर | 1,157 |
| कोण्डागांव | 1,101 |
| गौरेला-पेंड्रा-मरवाही | 967 |
| सारंगढ़–बिलाईगढ़ | 687 |
| राजनांदगांव | 607 |
| मुंगेली | 491 |
| बलौदाबाजार | 386 |
| बिलासपुर | 273 |
| कोरिया | 253 |
| खैरागढ़–छुईखदान–गंडई | 251 |
| सरगुजा | 240 |
| मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर | 228 |
| दंतेवाड़ा | 220 |
| बस्तर | 219 |
| सक्ती | 137 |
| सुकमा | 130 |
| बालोद | 124 |
| गरियाबंद | 122 |
| जांजगीर–चांपा | 119 |
| कवर्धा | 91 |
| कोरबा | 82 |
| रायपुर | 84 |
| धमतरी | 73 |
| नारायणपुर | 53 |
| दुर्ग | 38 |
| बेमेतरा | 32 |
| मोहला–मानपुर–चौकी | 27 |
रियल-टाइम मॉनिटरिंग से पारदर्शिता
खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष धान खरीदी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए मार्कफेड ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया है, जिससे पूरे राज्य में धान खरीदी गतिविधियों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।
इसके साथ ही पुलिस विभाग तथा जिला प्रशासन लगातार निगरानी रख रहे हैं ताकि किसी भी स्तर पर अवैध परिवहन को रोका जा सके और किसानों को उनके वास्तविक अधिकार के अनुसार समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त हो सके।
क्या दर्शाता है यह अभियान?
- सरकार की कृषि व्यवस्था की सुरक्षा और पारदर्शिता के प्रति कटिबद्धता
- बाहरी धान के दुरुपयोग पर नियंत्रण
- राज्य के किसानों के हितों की रक्षा
- तकनीक आधारित रीयल-टाइम निगरानी व्यवस्था का प्रभाव










