Sunday, August 3, 2025
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डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई महिला, साढ़े पांच लाख की ठगी

महासमुंद. जिले के जगदीशपुर में रहने वाली एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साढ़े पांच लाख की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। मामले की रिपोर्ट के बाद बसना पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।

पुलिस ने बताया कि प्रार्थिया जिबिया ई पिता इफरैम (26 साल) 80 एमआई मरूतम न्यू हाउसिंग यूनिट थाना तंजावुर जिला तंजावुर तमिलनाडू हाल निवास सेवा भवन हास्पिटल जगदीशपुर थाना बसना जिला महासमुंद ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके मोबाइल पर कुछ व्यक्तियों ने खुद को टेलिकाम डिपार्टमेंट मुंबई व मुंबई क्राइम ब्रांच का पुलिस होना बताकर कॉल किया और कहा कि आपके मोबाईल नंबर की गतिविधि संदिग्ध है जिससे आपका मोबाइल नंबर दो घंटे में बंद हो जाएगा।

इसके बाद उसने मुंबई क्राइम ब्रांच से जोड़ना बताकर फोन पर एक आदमी से बात कराया जिसने अपना नाम विजय कुमार और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर होना बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड का उपयोग करके मुंबई में एक सिम लिया गया है जिसका उपयोग लोगों को डराने के लिये गलत गलत मैसेज एवं कॉल करने के लिये किया जा रहा है। फिर उसने कहा कि क्लियरेंस के लिये पुलिस वेरिफिकेशन की आवश्यकता है जिसके लिये आपको मुंबई आना पड़ेगा। तब प्रार्थिया ने कहा कि उसने कभी भी मुंबई से सिम नहीं लिया है वह नंबर मेरा नहीं है। उसके बाद उसने बोला ‍कि पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ेगी व मुंबई आने के लिये बोला। तब प्रार्थिया ने मुंबई जाने में असमर्थता जताई। इस पर उसने बोला कि मैं ऑनलाइन आपको जोड़ रहा हूं जो जो प्रश्न पूछा जाएगा आपको बताना है और उसके कुछ मिनट बाद किसी अन्य व्यक्ति ने बात की, जिसने मुंबई साइबर पुलिस से बात करना बताया।

साथ ही कहा कि पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट के लिये वीडियो काल से स्टेटमेंट देना होगा। इसके बाद वाट्सअप में मैसेज आया जिसमें बातचीत हुआ और स्टेटमेंट लिया और कहा कि पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट आपको पोस्ट के माध्यम से भेज देंगे कहकर उस व्यक्ति ने पता मांगा। फिर उस व्यक्ति ने बोला कि आपका आधार नंबर केनरा बैंक मुंबई के एक खाता से जुडा हुआ है उक्त खाता मनीलांड्रिंग केस से संबंधित है। जिसकी जांच हो रही है। उसके बाद किसी अन्य व्यक्ति ने अपना नाम निरीक्षक प्रदीप सावंत बताते हुए कहा कि इस केस की जांच मैं कर रहा हूं आपके विरूद्ध 03 प्रमाण है, उसके बाद उसने मेरी मां कविता को भी बुलाने के लिये बोला व हम दोनों से लगातार प्रश्न करता रहा व कहा कि आपके विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट निकलेगा। जिससे प्रार्थिया डरकर उसकी बातों में आ गई। इसी दौरान उसने मेरा खाता नंबर व मेरे खाते में कितना पैसा है यह पूछ लिया।

बातचीत करते हुए उसने किसी नरेश गोयल का नाम लिया व बताया कि वह मनीलांड्रिंग केस में आरोपी है जिसके खाता का पैसा आपके खाता में आया । फिर 15 जुलाई 2025 को फिर उनसे बात हुई उस दौरान उसने कहा कि नरेश गोयल का पैसा आपके बैंक अकाउंट में आया है जिसको क्लियर करना है आपको फंड वेरिफकेशन के लिये आपके अकाउंट का पैसा दूसरे खाते में भेजना पडेगा जिसे क्लीयर कर हम लोग 48 घंटे के अंदर आपके बैंक अकाउंट में वापस भेज देंगे, इसके बाद प्रार्थिया ने उनकी बातों में आकर बसना आकर एचडीएफसी बैंक के अपने खाते से आरटीजीएस के माध्यम 3,50,000 रुपए भेजा। फिर16 जुलाई को 2,00,000 रुपए आरटीजीएस के माध्यम से भेजा। इस पर आरोपी ने कहा कि आपका वेरिफिकेशन हो गया है कल सुबह तब आपको आपका पैसा आपके खाते में वापस कर दिया जाएगा। लेकिन 17 जुलाई को खाते में पैसा वापस नहीं आया, तब शंका हुई कि उसके साथ सायबर फ्रॉड हो गया है। मामले में शिकायत पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4), 3(5) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है।

रक्षाबंधन पर्व को ध्यान में रखते हुए जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच हेतु खाद्य सुरक्षा अभियान चलाया गया

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