रायपुर. राष्ट्रीय संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर 2025 को शासकीय आदर्श अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रावास परिसर पेंशन बाड़ा रायपुर में भारतीय संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक एवं मानवाधिकारों के विश्व-प्रसिद्ध विद्वान भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर की भव्य प्रतिमा का अनावरण गरिमामय समारोह में
मुख्य अतिथि करमन खटकर, शिक्षाविद सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी, विशिष्ट अतिथि तुलेन्द्र सागर प्राचार्य स्कूल शिक्षा विभाग राज्यपाल शिक्षक सम्मान से सम्मानित महासमुंद, टिकवेन्द्र कुमार जाटवर, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुंद प्रोफेसर डॉ बी. एल. सोनेकर विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर कुंदन कुमार बंजारे उपसंचालक खनिज विभाग तथा डॉ विनोद कुमार टंडन सीआरपीएफ अधिकारी के अध्यक्षता में सर्वप्रथम सभी अतिथियों द्वारा भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण करते हुए माल्यार्पण कर जयघोष के साथ अनावरण किया गया।
ततपश्चात भारत के समस्त नागरिकों के मौलिक अधिकारों से उल्लेखित नीला गुब्बारा आसमान मे उड़ाकर छत्तीसगढ़ के समस्त नागरिकों को सन्देश दिया गया जिसमें संवैधानिक मूल्यों से ओतप्रोत यह अधिकारों और स्वतंत्रता का संकल्प सन्देश और उड़ान समस्त नागरिकों को प्राप्त हो और यही संविधान का लक्ष्य है।
पश्चात मुख्य अतिथि करमन खटकर द्वारा संविधान की उद्देशिका अर्थात संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वचन कराया गया जहां उपस्थित लगभग 5000 गणमान्य नागरिकों और विद्यार्थियों ने मिलकर वाचन किया। यह बताना लाजमी होगा कि होस्टल परिसर पर बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा स्थापित करने के लिये जब से होस्टल प्रारम्भ हुआ और वर्तमान में जो होस्टल में निवासरत हैं सभी ने मिलकर छात्रावास परिसर में डॉ अम्बेडकर प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लेकर 26 नवम्बर संविधान दिवस को तिथि तय किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में करमन खटकर द्वारा बाबा साहब के विचार को व्यक्त करते हुए बताया कि डॉ. अम्बेडकर केवल संविधान के निर्माता नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन के महान स्तंभ थे। उनका जीवन संघर्ष, शिक्षा और समानता की प्रेरणा देता है। यह प्रतिमा हमें सदैव न्याय और समावेशी समाज की ओर बढ़ने के लिए मार्गदर्शन करती रहेगी।
उपस्थित वक्ताओं ने डॉ. अम्बेडकर के शिक्षा, सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों में किए गए असाधारण योगदान पर अपने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत रत्न बाबा साहब के जीवन संघर्ष और संवैधानिक मूल्यों का सजीव चित्रण किया जिससे उपस्थित नागरिक और रायपुर अवस्थित समस्त 20 छात्रावासों के छात्र-छात्रायें बाबा साहब के भारत के नागरिकों और भारत के निर्माण के केंद्र बिंदु भारत संचालन के नीति नियम अर्थात भारतीय संविधान के निर्माण, लक्ष्य, भविष्य को ऐसे उकेरा कि जैसे बाबा साहब की 100 साल पहले कही गयी बातें भारत ही नहीं पुरे विश्व के लिए आगे लाखों वर्षों के लिए प्रासंगिक रहेगा जैसा की पूरा विश्व बाबासाहब के मानवता के प्रति योगदान को हमेशा याद रखता है।
इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने मोहम्मद एस कुरैशी अध्यक्ष अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ, डॉ डी एन खुटे प्रोफेसर रविवि, अमर दास कुर्रे डी एस पी कांकेर, उमेन्द्र टंडन टीआई, रामस्नेही जांगड़े, बिलाइगढ़, सन्तोष मार्कण्डे महासमुन्द,भागचंद चतुर्वेदी राजयपाल शिक्षक सम्मान से सम्मानित स्कूल भेंडरी गरियाबंद आनंद कुर्रे राजस्व विभाग अधिकारी, सतीश चंद्र महिश राजस्व विभाग, कमलेश बघेल, अरुण कुमार बनर्जी महासमुन्द, राजकुमार जेंन्द्रे, गंगा बनर्जी, एवन बंजारे, शीतल चतुर्वेदी, सत्यप्रकाश साय, राजकुमार आवले, हर्षप्रताप मन्नाडे एवं वर्तमान निवासरत छात्रावासी की उपस्थिति में विशेष योगदान दीनदयाल बघेल, प्रवीण बंजारे व्यवसायी उपस्थित रहे। कार्यक्रम संचालन डॉ. गणेश बंजारे एवं दीनदयाल बघेल ने किया।
कार्यक्रम के सफल बनाने में छत्तीसगढ़ राज्य के वर्तमान छात्रावासी छात्रों एवं पदाधिकारी गण की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिनमें प्रमुखतः मनीष बांधे, रुस्तम पाटले, देव प्रसाद, करन टंडन एवं गजेंद्र बंजारे प्रमुख सलाहकार के रूप में अहम भूमिका के साथ सभी छात्रावासों के अध्यक्ष पुरुषोत्तम नेताम, सुमन नेताम, सहदेव मरपंची, ख़ुशी प्रभाकर, ललिता रात्रे एवं अनिल सोनवानी सभी का सहयोग रहा।
सर्व अजा समाज ने डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, प्रस्तावना का वाचन कर संविधान दिवस मनाया










