रायपुर. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अग्रणी राज्यों में अपनी मजबूत पहचान स्थापित की है। ग्रामीण सड़क संपर्क के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज करते हुए योजना के विभिन्न चरणों में राज्य को अब तक कुल 9,722 सड़कें (48,594 किमी) और 669 पुलों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें से 8,753 सड़कें (43,380 किमी) और 470 पुलों का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि PMGSY-IV के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को 774 नई सड़कें (कुल लंबाई 2,426.875 किमी) स्वीकृत की गई हैं। यह पहली बार है जब इस चरण में उन बसावटों को प्राथमिकता दी गई है जहाँ अब तक सर्व-मौसम सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं थी।
बारहमासी सड़क संपर्क से ग्रामीण जीवन में आएगी बड़ी बदलाव
नई स्वीकृत सड़कों से दूरस्थ, आदिवासी और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को:
- बाज़ार, स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा संस्थानों तक आसान पहुँच
- आपदा प्रबंधन और आपात सेवा में त्वरित सहायता
- ग्रामीण आजीविका और आर्थिक अवसरों में वृद्धि
- सरकारी योजनाओं और जन कल्याण सेवाओं तक तीव्र पहुँच
मिलेगी। इससे क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास की गति तेज़ होगी।
ग्रामीण विकास मंत्री चौहान ने कहा
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि:
“PMGSY के उत्कृष्ट क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ लगातार देश के अग्रणी राज्यों में शामिल रहा है। यह सफलता टीमवर्क और मजबूत क्रियान्वयन प्रणाली का परिणाम है।”
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का वक्तव्य
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा:
“प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मिली 774 नई सड़कों की स्वीकृति हमारे ग्रामीण विकास अभियान को नई रफ्तार देगी। यह दूरस्थ बसावटों के लिए सर्व मौसम सड़क सुविधा सुनिश्चित करने का ऐतिहासिक कदम है। हमारी सरकार का संकल्प है कि छत्तीसगढ़ के हर गांव तक सुरक्षित और स्थाई सड़क संपर्क पहुँचाया जाए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार हो।”
PMGSY-IV के अंतर्गत मिली यह स्वीकृति छत्तीसगढ़ में बुनियादी ढाँचे और ग्रामीण कनेक्टिविटी को नई दिशा देगी। राज्य के हजारों ग्रामीण परिवारों को इससे प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और विकास का मार्ग और अधिक मजबूत होगा।
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