महासमुंद. छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में ठोस कदम उठाने की मांग की। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष ओम नारायण शर्मा, सचिव अनिल कुमार कोसरिया, डॉ. वृन्दावन पटेल, प्रदुमन पाण्डेय सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
संघ ने अपनी मांगों में कर्मचारियों के कल्याण और सेवा सुधार पर जोर दिया। संघ की मांगों में-
केंद्र और मध्यप्रदेश की तर्ज पर महंगाई भत्ते को मौजूदा 53% से बढ़ाकर 55% करने,
शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में कथित अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई,
अवकाश नगदीकरण की सीमा को 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन करने,
शिक्षक और लिपिक संवर्गों सहित अन्य की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित समिति का प्रतिवेदन शीघ्र सार्वजनिक करने, और सभी संवर्गों के लिए सेवाकाल में चार स्तरीय वेतनमान लागू करने की मांग शामिल है।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश की तरह कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था लागू करने, सभी संवर्गों की लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को जल्द पूरा करने,
संविदा, दैनिक और अनियमित कर्मचारियों का रिक्त पदों पर नियमितीकरण करने, मध्यप्रदेश की तरह उनकी सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने, और श्रम सम्मान निधि का भुगतान सभी विभागों में लागू करने की मांग उठाई गई।
संघ ने अनुकंपा नियुक्ति से आए लिपिकों के लिए कौशल परीक्षा की जटिल व्यवस्था को सरल करने और कार्यालय प्रमुखों को परीक्षा आयोजन का अधिकार देने,
सेवा निवृत्त कर्मचारियों को आकस्मिक निधि से अवकाश नगदीकरण का लाभ देने, नियुक्ति के एक वर्ष के भीतर मृत्यु होने पर अनुग्रह अनुदान राशि का प्रावधान करने, और अविभाजित मध्यप्रदेश की तरह कर्मचारी संघों को स्थाई मान्यता देने की भी मांग की।
अध्यक्ष ओम नारायण शर्मा ने कहा कि ये मांगें कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी हैं। सचिव अनिल कुमार कोसरिया ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर संघ आंदोलन की रणनीति बनाएगा। यह ज्ञापन कर्मचारी कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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