Guru Gochar 2025: 14 मई को साल 2025 का दूसरा सबसे बड़ा राशि परिवर्तन होने वाला है। साल 2025 में ग्रहों के देवता गुरु देव बृहस्पति बुध की राशि मिथुन में गोचर करेंगे। 14 मई, 2025 बुधवार को रात 11.20 मिनट में गुरु वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में संचार करेंगे। इस गोचर को काफी खास माना जा रहा है। गोचर के बाद गुरु की अतिचारी चाल आरंभ हो जाएगी जो 2032 तक रहेगी।
गुरु की अतिचारी चाल काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान गुरु तेज चाल से आगे बढ़ते हैं और एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं। इसके बाद साल 2025 में गुरु का अगला राशि परिवर्तन कर्क राशि में 18 अक्टूबर, शनिवार को 9.39 मिनट पर होगा। वहीं इसी वर्ष गुरु का आखिरी परिवर्तन 5 दिसंबर, शुक्रवार को दोपहर को 3.38 मिनट पर होगा। वैसे गुरु ग्रह 12 से 13 महीने में अपनी चाल में परिवर्तन करते हैं।
ज्योतिष के अनुसार किसी भी ग्रह का गोचर सभी राशियों पर असर डालता है। गुरु के गोचर से भी कई राशियों को लाभ और कई राशियों को सावधानी रखनी होगी। आइए जानते हैं इस दौरान किन उपाय को करने से गुरु का सकारात्मक प्रभाव बना रह सकता है।
बृहस्पति के मंत्र
गुरु ग्रह के मंत्र का जाप करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” और “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” इन मंत्रों का जाप गुरुवार के दिन जरूर करें।
गुरुवार का व्रत
गुरु देव बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए और कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन व्रत करें।
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें
गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से गुरु देव बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दान करें
दान आदि से गुरु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। इस दौरान पढ़ाई से जुड़ा सामान बच्चों को दान में दें। साल ही पीले वस्त्र, चने की दाल आदि चीजों का जरूरतमंदों को दान करें। इन उपायों को करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं, साथ ही व्यक्ति को मानसिक शांति और समृद्धि के साथ सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
Budh Gochar 2025: बुध का शनि की राशि में होगा गोचर, सभी 12 राशियों पर पड़ेगा प्रभाव