महासमुन्द. “भारत में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जैसे सर्वगुण संपन्न संतानों तथा सूरदास, नानकदेव, मीराबाई, रैदास जैसे कवियों एवं भगतसिंह, सुभाषचन्द्र बोस और घासीदास जैसे जननायकों ने जन्म लिया यहाँ विदेशों से लोग संस्कृति सीखने आते हैं, भारत की सभ्यता और संस्कारों को अपने जीवन में अपनाते हैं इसलिए विश्व में भारत की पहचान एक महान देश के रूप में है |”
प्रख्यात रामायण कथावाचक नंदकुमार साहू ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासमुन्द खण्ड अंतर्गत ग्राम पटेवा मण्डल में आयोजित श्री विजयादशमी उत्सव एवं भव्य पथ संचलन के अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने विचार व्यक्त किये, इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला महासमुन्द के जिला कार्यवाह चन्द्रशेखर नाग ने कहा कि “वर्ष 1925 में प्रारंभ हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्ष की यात्रा भी रामजी की भाँति संघर्ष और संकल्पशीलता से युक्त रही है, आज संघ सबसे अनूठा, व्यापक और राष्ट्रव्यापी संगठन बन गया है तथा विविध क्षेत्रों में काम करने लगा है, भारतीय किसान संघ, मजदूर संघ, अधिवक्ता परिषद, आरोग्य भारती, शिक्षक संघ, वनवासी कल्याण आश्रम, सक्षम, शिक्षा संस्कृति न्यास, विद्या भारती, संस्कृत भारती, सिक्ख संगत जैसे विविध संगठनों के रूप में जन मानस के हितसंवर्धन के कार्य संघ के माध्यम से किये जा रहे हैं |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यात्रा इस वर्ष विजयादशमी पर अपने शताब्दी का पर्व मना रहा है यह उत्सव नहीं बल्कि एक संकल्प के रूप में आयोजित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत भारत को वैभवशाली राष्ट्र बनाने के लिए कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण सुरक्षा, स्व का बोध तथा नागरिक कर्तव्य के रूप में पांच लक्ष्य निर्धारित किये गए है जिन्हें पंच परिवर्तन का नाम दिया गया है| वर्तमान में परिवारों में बिखराव के कारण जीवन मूल्यों में गिरावट आई है जिससे लोग अपनों से दूर होते जा रहे हैं उन्हें जोड़ने के लिए संघ ने कुटुम्ब प्रबोधन का लक्ष्य रखा है जिसके अंतर्गत सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने परिवार के साथ बैठकर पारिवारिक व धार्मिक कार्यों को करते हुए साथ में भोजन की परम्परा शुरू करने की योजना है, ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाने के लिए सामाजिक समरसता की रूपरेखा तैयार की गई है, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पेड़ लगाने, जल बचाने के लिए कार्य करना तथा स्व का बोध के अंतर्गत स्वदेशी को प्राथमिकता, स्वयं की भाषा, स्वयं की भूषा आदि का उपयोग करने का लक्ष्य है, नागरिकों को संविधान में वर्णित नियमों तथा कर्तव्यों का पालन करना तथा लोगों को प्रेरित करने के लिए पांचवां लक्ष्य तय किया गया है|
ग्राम पटेवा की गलियों में नागरिकों, महिलाओं एवं बच्चों ने फूलों से स्वयंसेवकों के भव्य पथ संचलन का स्वागत किया इस कार्यक्रम में 96 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित होकर संचलन में हिस्सा लिए, ग्राम के नन्दी चौक में आयोजित बौद्धिक कार्यक्रम में अमृत वचन और एकल गीत के पश्चात मुख्य वक्ता का उद्बोधन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का समापन संघ प्रार्थना के साथ हुआ। इस अवसर खंड संचालक भगोली राम साहू मंचस्थ थे।
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