नई दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 29 मई, 2024 को लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर भारतीय वायु सेना (IAF) के सुखोई-30 एमके-I प्लेटफॉर्म से हवा से सतह पर मार करने वाली रुद्रएम-II (RudraM-ll) मिसाइल का ओडिशा के तट पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
इस अहम परीक्षण ने प्रपल्शन प्रणाली और नियंत्रण एवं पथप्रदर्शन से संबंधित आंकड़ों की सटीकता पर खरा उतरने के साथ परीक्षण के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। इस मिसाइल (Missile) परीक्षण के दौरान प्रत्येक गतिविधि को ऑन-बोर्ड जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर चांदीपुर (ओडिशा ) के एकीकृत परीक्षण रेंज द्वारा तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार (Radar) तथा टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों के माध्यम से प्राप्त किए गए आंकड़ों से मान्य किया गया है।
रुद्र एम-II एक स्वदेशी रूप से विकसित ठोस ईंधन से चलने वाली वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली (Missile) है, जो दुश्मनों के कई प्रकार के हथियारों को नष्ट करने के लिए हवा से सतह पर मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल प्रणाली में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO ) की विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित की हुई कई अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रुद्रएम-II के सफल परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, भारतीय वायु सेना और रक्षा उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण ने सशस्त्र बलों के लिए शक्ति गुणक के रूप में रुद्रएम-II (RudraM-II) प्रणाली की भूमिका को सशक्त बनाया है।
DRDO के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने सफलतापूर्वक परीक्षण करने के लिए DRDO की टीम को उनके अथक प्रयासों एवं योगदान करने हेतु सराहना की।
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