बंगाल की खाड़ी में मौसम का सिस्टम तेजी से सक्रिय हो रहा है। 22 नवंबर को बने लो-प्रेशर क्षेत्र के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह 24 नवंबर तक डिप्रेशन का रूप ले सकता है, और आने वाले दिनों में इसकी तीव्रता और बढ़ने की पूरी संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, 26 नवंबर तक यह सिस्टम चक्रवात में बदल सकता है, जो तेज़ी से शक्ति प्राप्त करते हुए 28 नवंबर को भीषण चक्रवात का रूप धारण कर सकता है।
इसके साथ ही, दक्षिण अंडमान सागर में भी एक नया लो-प्रेशर एरिया विकसित हुआ है, जो पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 24 नवंबर तक डिप्रेशन में तब्दील होगा। अगले 48 घंटों में यह सिस्टम समुद्र से ऊर्जा लेकर और मजबूत होकर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंच सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्तमान सिस्टम की गति और दिशा संकेत दे रही है कि 29 और 30 नवंबर के बीच यह अत्यंत भीषण चक्रवात (Extremely Severe Cyclonic Storm) का रूप लेकर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, अभी इसके लैंडफॉल की सही जगह और सटीक समय का निर्धारण करना जल्दबाजी होगा, क्योंकि सिस्टम अभी प्रारंभिक अवस्था में है और सटीक जानकारी के लिए लगभग एक सप्ताह का समय और लगेगा।
ओडिशा में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग का कहना है कि इस संभावित चक्रवाती सिस्टम के प्रभाव से ओडिशा में अगले चार दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। खासकर तटीय और दक्षिण ओडिशा के जिलों में अधिक वर्षा के आसार हैं।
फिलहाल कृषि विभाग ने किसानों के लिए किसी विशेष चेतावनी का निर्देश जारी नहीं किया है, लेकिन अगले दो दिनों में स्थिति स्पष्ट होने के बाद सलाह जारी की जा सकती है।
अगले 48 घंटों में बड़ा अपडेट संभव
आने वाले 48 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, क्योंकि इसी दौरान यह तय होगा कि सिस्टम किस दिशा में और कितनी तेजी से आगे बढ़ेगा।









