शनि वक्री : न्याय के देवता और कर्मफलदाता शनि देव 13 जुलाई 2025 को मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। वे 28 नवंबर 2025 तक कुल 138 दिनों तक उल्टी चाल (वक्री) चलेंगे। आइए जानते हैं किन-किन राशियों के जातकों को सावधान रहना होगा।
ज्योतिष के अनुसार जब किसी ग्रह की चाल वक्री होती है, तो उसके फल देने की क्षमता बढ़ जाती है। लेकिन अच्छा या बुरा फल मिलना जातक के कर्म पर निर्भर करता है। शनि देव बहुत ही कठोर पीड़ा देने वाले, दुख देने वाले, अवसाद देने वाले ग्रह हैं।
शनि देव कर्मों का सही फल देने वाले ग्रह हैं। शनि के वक्री होने से यह समझना चाहिए कि यदि आपने मेहनत और ईमानदारी से, लगन से काम किया था और आप उसका फल नहीं मिला, तो अब समय आ गया है कि एक झटके में आप काफी आगे बढ़ जाएंगे।
लेकिन यदि आपके कर्म सही नहीं हैं, दूसरों को परेशान किया है, तो आपके जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। शनि के इस गोचर से जानते हैं कि किन राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ।
वैवाहिक जीवन की दिक्कतें
मेष राशि से 12वें स्थान पर यानी मीन में शनि वक्री होने वाले हैं। 138 दिनों के लिए मेष राशि को स्वास्थ्य समस्याएं, खर्चों का बढ़ना, कोर्ट-कचहरी जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। वहीं मानसिक दबाव भी बढ़ सकता है। वैवाहिक जीवन में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ये नुकसान होने की संभावना
मिथुन राशि वालों के लिए शनि का गोचर उसके 10वें भाव में होने जा रहा है। लिहाजा, उनके करियर में समस्या पैदा हो सकती है। कारोबारी वर्ग को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। पिता के स्वास्थ्य में परेशानी सामने आ सकती है। पद व प्रतिष्ठा का नुकसान हो सकता है।
करियर में आएगी रूकावट
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि की वक्री स्थिति होने से कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। प्रतिस्पर्धा को लेकर समस्याएं हो सकती हैं। जॉब में बदलाव की स्थितियां बन सकती हैं। करियर में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। बीमारियों से बचाव के लिए खुद का ध्यान रखें।
सेहत संबंधी समस्या
मीन राशि में ही शनि देव वक्री होने जा रहे हैं। इसलिए मीन राशि वालों के लिए यह गोचर महत्वपूर्ण रहेगा। पूर्व में यदि आपने अपने कामों में ईमानदारी नहीं बरती होगी, तो इस गोचर के दौरान कई परेशानियां आ सकती हैं। बीमारियों पर ज्यादा खर्च हो सकता है, कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं।
जातक के जीवन में शनि का प्रभाव और दुष्प्रभाव, जानें कैसी है शनिदेव की प्रकृति