महासमुंद. “असत्य पर सत्य की जीत,अन्याय पर न्याय की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत, पाप पर पुण्य की जीत, अधर्म पर धर्म की जीत, अत्याचार पर सदाचार की जीत, हिंसा पर अहिंसा की जीत, रावण पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी के विजय का पर्व है विजयादशमी।” उपरोक्त विचार थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महासमुन्द खंड के खट्टी मंडल में आयोजित विजयादशमी उत्सव के मुख्य वक्ता जिला सामाजिक समरसता संयोजक गोवर्धन प्रधान के।
उन्होंने कहा कि “रामजी का पूरा जीवन आसुरी शक्तियों से संघर्ष करने में बीता, ठीक उसी प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्ष की यात्रा भी रामजी की भाँति संघर्ष और संकल्पशीलता से युक्त है। उन्होंने कहा कि “वर्ष 1925 में प्रारंभ हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सबसे अनूठा, व्यापक और राष्ट्रव्यापी संगठन बन गया है।
संघ आज विविध क्षेत्रों में काम करने लग गया है। भारतीय किसान संघ, मजदूर संघ, अधिवक्ता परिषद, आरोग्य भारती, शिक्षक संघ, वनवासी कल्याण आश्रम, सक्षम, शिक्षा संस्कृति न्यास, विद्या भारती, संस्कृत भारती, सिक्ख संगत जैसे विविध संगठनों के रूप में कार्य कर रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष विजयादशमी पर अपने शताब्दी का पर्व मना रहा है यह उत्सव नहीं बल्कि एक संकल्प के रूप में आयोजित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत भारत को वैभवशाली राष्ट्र बनाने के लिए कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण सुरक्षा, स्व का बोध तथा नागरिक कर्तव्य के रूप में पांच लक्ष्य निर्धारित किये गए है जिन्हें पंच परिवर्तन का नाम दिया गया है। वर्तमान में परिवारों में बिखराव के कारण जीवन मूल्यों में गिरावट आई है जिससे लोग अपनों से दूर होते जा रहे हैं उन्हें जोड़ने के लिए संघ ने कुटुम्ब प्रबोधन का लक्ष्य रखा है जिसके अंतर्गत सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने परिवार के साथ बैठकर पारिवारिक व धार्मिक कार्यों को करते हुए साथ में भोजन की परम्परा शुरू करने की योजना है।
ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाने के लिए सामाजिक समरसता की रूपरेखा तैयार की गई है, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पेड़ लगाने, जल बचाने के लिए कार्य करना तथा स्व का बोध के अंतर्गत स्वदेशी को प्राथमिकता, स्वयं की भाषा, स्वयं की भूषा आदि का उपयोग करने का लक्ष्य है, नागरिकों को संविधान में वर्णित नियमों तथा कर्तव्यों का पालन करना तथा लोगों को प्रेरित करने के लिए पांचवां लक्ष्य तय किया गया है।” श्री प्रधान ने लोगों से इन सभी कार्यक्रमों में उत्साह के साथ जुड़ने का आग्रह किया।
ग्राम खट्टी की गलियों में ग्राम प्रमुखों, नागरिकों, महिलाओं एवं बच्चों ने फूलों से स्वयंसेवकों के भव्य पथ संचलन का स्वागत किया इस कार्यक्रम में 54 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित होकर संचलन में हिस्सा लिए, ग्राम के नवनिर्मित महतारी सदन प्रांगण में आयोजित बौद्धिक कार्यक्रम में अमृत वचन और एकल गीत के पश्चात मुख्य वक्ता का उद्बोधन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का समापन संघ प्रार्थना के साथ हुआ।
इस अवसर जिला संघचालक महेश चंद्राकर, रामेंद्र गिरी, खंड संचालक भगोली राम साहू एवं जिला सामाजिक समरसता संयोजक गोवर्धन प्रधान जी मंचस्थ थे। विजयादशमी उत्सव में जिला, खंड के दायित्ववान कार्यकर्ता, खट्टी मंडल व आसपास के ग्राम प्रमुख गणमान्य नागरिक व मातृशक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि” संघ प्रार्थना के बाद भारत माता की जय उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
विश्व में भारत महान है क्योंकि यहां सभी का सम्मान है – रामायण कथावाचक नंदकुमार साहू










