Surya Gochar 2025: सूर्य ग्रह 15 जून 2025 की सुबह 6 बजकर 44 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे और 16 जुलाई तक इसी राशि में रहेंगे। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर को सूर्य संक्रांति भी कहा जाता है।
सूर्य की संक्रांति या मिथुन संक्रांति का पुण्यकाल 15 जून को दोपहर से शुरू होगा जो सूर्यास्त तक रहेगा। तो आप इस समय के बीच स्नान-दान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही 16 जुलाई तक सूर्यदेव का सभी 12 राशि वालों पर क्या प्रभाव होगा,आइए जानते हैं सूर्य का मिथुन राशि में परिवर्तन का प्रभाव।
मेष राशि- सूर्यदेव इस राशि के तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में तीसरा भाव भाई-बहनों से संबंध रखता है। साथ ही यह स्थान आपकी अभिव्यक्ति, यानी आपके हावभावों से संबंध रखता है। ऐसे में भाई-बहनों से रिश्ते को और बेहतर करने के लिये रोज सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को नमस्कार करें।
वृषभ राशि- सूर्यदेव दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में दूसरा स्थान धन तथा आपके स्वभाव से संबंध रखता है। इस महीने सूर्य़देव आपके धन के भण्डार भरेंगे। इस दौरान अचानक धन लाभ होगा। हालांकि 16 जुलाई तक आपके स्वभाव में उग्रता रहेगी। लिहाजा धन की गति को निरंतर बनाये रखने के लिये दान करें।
मिथुन राशि- सूर्यदेव आपके लग्न यानी पहले स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में लग्न स्थान हमारे शरीर तथा मुख से संबंध रखता है। इस स्थान पर सूर्यदेव के गोचर से कई तरह के फायदे होंगे। किया हुआ वादा पूरा करेंगे। यश-सम्मान में बढ़ोतरी होगी । लिहाजा सूर्यदेव के शुभ फल को बनाये रखने के लिए। सूर्यदेव के मंत्र का जप करना चाहिए।
कर्क राशि- सूर्यदेव आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में इस स्थान का संबंध शैय्या सुख से है, परंतु साथ ही इस स्थान का संबंध व्यय से भी होता है। सूर्य के इस गोचर से सुख पाने में थोड़ी परेशानी हो सकती है, साथ ही खर्चें भी बढ़ेंगे। बढ़ते खर्चों पर रोक लगाने के लिये- इस दौरान सुबह के समय अपने घर के खिड़की, दरवाजे खुले रखें, जिससे आपके घर के अन्दर सूर्य की पर्याप्त रोशनी आ सके।
सिंह राशि- सूर्यदेव इस राशि के ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में ग्यारहवें स्थान का संबंध आमदनी और कामना से है। सूर्य़ के इस गोचर से आमदनी में कुछ गड़बड़ी हो सकती है। धन मिलने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। आमदनी में बढ़ोतरी के लिये सूर्य आराधना करें।
कन्या राशि- सूर्यदेव इस राशि के दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में दसवें भाव का संबंध राज्य और पिता से है। सूर्य़ के इस गोचर से आपको अपने करियर में तरक्की मिलेगी और साथ ही आपके पिता के भी हर काम पूरे होंगे।
तुला राशि- सूर्यदेव आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में नवें स्थान का संबंध भाग्य से होता है। सूर्यदेव के गोचर से कार्यों में भाग्य का साथ मिलेगा। आपके सारे काम बनने लगेंगे। इन सबका लाभ उठाने के लिये पीतल की कोई चीज़ दान में या गिफ्ट में न दें।
वृश्चिक राशि- सूर्यदेव आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में आठवें स्थान का संबंध हमारे स्वास्थ्य से है, आयु से है। अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये, लंबी आयु की प्राप्ति के लिये गाय की सेवा करें। बड़े भाई का सहयोग करें।
धनु राशि- सूर्यदेव इस राशि वालों के सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में सातवें स्थान का संबंध जीवनसाथी व दाम्पत्य जीवन से है। सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से जीवनसाथी का सहयोग पाने में काफी मेहनत करनी पड़ेगी। दाम्पत्य जीवन में प्यार को बनाए रखने के लिये- अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर किसी जरूरतमंद को खिलाएं।
मकर राशि- सूर्यदेव इस राशि के छठे स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में छठे स्थान का संबंध मित्र और शत्रुओं से होता है। अगर शत्रुओं की अधिकता हो गई है और दोस्तों में कमी आ रही है तो अपने मित्र बढ़ाने के लिये मन्दिर में दान करें। बन्दर को गुड़ खिलाएं।
कुंभ राशि- सूर्यदेव इस राशि के पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में पांचवें स्थान का संबंध संतान, विद्या तथा प्रेम से होता है। सूर्यदेव के गोचर से आपको विद्या लाभ होगा। गुरु के साथ आपके रिश्ते अच्छे होंगे। लवमेट से रिश्ते बेहतर होंगे। तो 16 जुलाई तक इन सब विषयों का फायदा उठाने के लिये- बच्चों को कुछ गिफ्ट करें।
मीन राशि- सूर्यदेव इस राशि के चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में चौथा स्थान भूमि, भवन और वाहन से संबंधित होता है। सूर्य़ के इस गोचर से भूमि, भवन और वाहन का फायदा मिलेगा। लाभ उठाने के लिये 16 जुलाई तक किसी जरूरतमंद को खाना खिलाएं।
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