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ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस, यूक्रेनी राष्ट्रपति के समर्थन में उतरे कई देश

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नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ओवल ऑफिस (Ovel Office) में तीखी बहस के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की को हीरो के तौर पर देखा जा रहा है। जेलेंस्की के समर्थन में पूरा यूरोप खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर भी लोग जेलेंस्की के साहस और धैर्य व ट्रंप को तीखा जवाब देने के लिए सराहना कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप और जेलेंस्की के बीच ‘ओवल ऑफिस’ में हुई तीखी बहस के बाद यूक्रेन के यूरोपीय साझेदारों और दुनिया के अलग-अलग देशों के नेता जेलेंस्की का समर्थन कर रहे है।इधर ‘व्हाइट हाउस’ ट्रंप के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है।

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति के अधिकारिक कार्यालय ‘ओवल ऑफिस’ में शुक्रवार को ट्रंप और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ अप्रत्याशित जुबानी जंग के बाद जेलेंस्की ‘व्हाइट हाउस’ से चले गए थे। इन दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस और इसके चलते यूक्रेनी नेता के प्रति उमड़े समर्थन ने यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका और यूरोप के बीच उभरी गहरी दरार को उजागर किया है।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने सोशल साइट ‘एक्स’ पर लिखा, “आपने जो गरिमा दिखाई, उसने यूक्रेन के लोगों की बहादुरी को दर्शाया है। मजबूत, बहादुर और निडर बने रहें, प्रिय व्लादिमिर जेलेंस्की। हम न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए आपके साथ काम करते रहेंगे।”

फ्रांस ने भी जेलेंस्की का समर्थन किया

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोशल साइट ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एक हमलावर है: रूस। एक पीड़ित है: यूक्रेन। हमारा तीन साल पहले यूक्रेन की मदद करना और रूस पर प्रतिबंध लगाना सही था – और ऐसा करते रहना सही भी है।” राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा, “हमारे से मेरा तात्पर्य अमेरिकी, यूरोपीय, कनाडाई, जापानी और कई अन्य से है।” उन्होंने कहा, “उन सभी का आभार जिन्होंने मदद की और कर रहे हैं। उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं जो शुरू से ही लड़ रहे हैं – क्योंकि वे अपनी गरिमा, अपनी स्वतंत्रता, अपने बच्चों और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।”

इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने भी किया ट्वीट

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि वे कूटनीति को पुनः पटरी पर लाने के लिए यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच शिखर सम्मेलन का आह्वान करेंगी। उन्होंने एक बयान में कहा, “अमेरिका, यूरोपीय देशों और सहयोगियों के बीच तत्काल एक शिखर सम्मेलन आयोजित किए जाने की आवश्यकता है, जिसमें इस बारे में खुलकर बात की जाए कि हम आज की बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटना चाहते हैं। इसकी शुरुआत यूक्रेन से हो, जिसका हमने हाल के वर्षों में मिलकर बचाव किया है।” मेलोनी, ट्रंप की करीबी सहयोगी मानी जाती हैं।

जर्मनी भी आया सपोर्ट में

जर्मनी के अगले संभावित चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ‘X’ पर लिखा, “प्रिय व्लादिमिर जेलेंस्की, हम अच्छे और मुश्किल समय में यूक्रेन के साथ खड़े हैं। हमें इस भयानक युद्ध में कभी हमलावर और पीड़ित को लेकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।”

इधर एस्टोनिया के प्रधानमंत्री क्रिस्टन मिशल ने कहा कि उनका देश स्वतंत्रता की लड़ाई में जेलेंस्की और यूक्रेन के साथ एकजुट है। मिशनल ने कहा, “हमेशा। क्योंकि यह सही है, आसान नहीं है।” 

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भी आए समर्थन में

कनाडा को अमेरिका का 51 वां राज्य बनाने का ऑफर देने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जस्टिन ट्रूडो को भी एक मौका मिल गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटरी ओर्पो, लात्विया के राष्ट्रपति एडगर्स रिंकेविक्स, लग्जमबर्ग के प्रधानमंत्री लुक फ्रीडेन, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने यूक्रेन और जेलेंस्की के प्रति समर्थन जताया है।

वहीं दूसरी ओर, ‘व्हाइट हाउस’ ने एक बयान जारी कर कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति वेंस की ‘अमेरिका फर्स्ट स्ट्रेंथ’ को समर्थन मिल रहा है। ट्रंप और वेंस ने दुनिया को स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका का फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा। कैबिनेट और पूरे देश के सांसद यह भावना जाहिर कर चुके हैं।” बयान में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम समेत कई सांसदों के उद्धरण शामिल हैं।