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छत्तीसगढ़: पटवारियों की हड़ताल पर शासन की सख्ती, 3 माह के लिए एस्मा लागू

रायपुर. पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आम जनता के राजस्व संबंधी कार्यों के निपटारे में काफी कठिनाई आ रही थी। राजस्व विभाग से जुड़ी अत्यावश्यक सेवाओं में हो रही बाधा के चलते शासन ने पटवारियों के कार्य करने से इंकार किये जाने का प्रतिषेध किया है।

राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम (एस्मा) , 1979 की धारा 4 की उपधारा 1 तथा 2 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राजस्व विभाग के पटवारियों के लिए यह आदेश जारी किया है। यह आदेश 7 जून से प्रभावीशील किया गया है और आगामी 3 महीने के लिए प्रभावशील रहेगा।

उल्लेखनीय है कि इस एक्ट के अंतर्गत राजस्व विभाग से जुड़ी अत्यावश्यक सेवाएं भी आती हैं। शासन ने लोकहित में यह निर्णय लिया है। पटवारियों के हड़ताल के चलते शिक्षा सत्र चालू होने एवं रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन होने से विद्यार्थियों को जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इन जरूरी दस्तावेजों के नहीं बनने से इन विद्यार्थियों को आने वाली दिक्कतों को संज्ञान में लेते हुए यह आदेश जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले सीएम भूपेश बघेल ने पटवारियों की हड़ताल की वजह से आम लोगों को हो रही दिक्कतों के कारण मुख्य सचिव को कड़े निर्देश दिए थे।

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साथ ही कृषि कार्य भी आरंभ होने वाला है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीमांकन, बटांकन और नामांतरण की कार्यवाही शासकीय योजनाओं का लाभ लेने अत्यावश्यक है। पटवारी प्रतिवेदन के अभाव में राजस्व न्यायालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है। इन सभी दिक्कतों को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि अत्यावश्यक सेवाओं की पूर्ति में बाधा होने से लोक हित प्रभावित हो रहा है और लोगों का कार्य सुचारू रूप से हो सके, उन्हें किसी तरह की दिक्कत न आये, इसके चलते यह आदेश जारी किया गया है।

क्या है एस्मा

आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा छह महीने के लिए लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ और दण्डनीय है।

हड़ताल जारी रखने की चेतावनी

पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप के अनुसार कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले 23 दिनों से हड़ताल पर हैं। सरकार को काम चाहिए लेकिन सुविधाएं देना नहीं चाहती इसलिए जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हम अपना हड़ताल जारी रखेंगे।

ये है पटवारियों की प्रमुख मांगे

  • वेतन विसंगति दूर करने, सीनियारिटी के आधार पर पदोन्नति, विभागीय नियमित परीक्षा, संसाधन एवं भत्ता, स्टेशनरी भत्ता और मुख्यालय में निवास की बाध्यता खत्म करने संबंधी

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